मुंबई: भारत के मशहूर उद्योगपति और बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने शनिवार को अमित शाह की मौजूदगी में सरकार को लेकर बड़ी बात कही. इस कार्यक्रम जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और रेलमंत्री पीयूष गोयल जैसे दिग्गज बीजेपी नेता शामिल थे उसमें राहुल बजाज ने कहा, मौजूदा सरकार ने डर और अनिश्चित्ता का माहौल बना दिया है, इसके चलते लोग खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. राहुल बजाज ने कहा कि देश में एक डर का माहौल है. उन्होंने कहा कि यूपीए-2 के समय ऐसा डर लोगों में नहीं था. हम सरकार की खुल कर आलोचना कर सकते थे. अभी आप अच्छा काम कर रहे हैं, इसके बावजूद अगर हम आलोचना करेंगे, तो भरोसा नहीं है कि आप इसे एप्रिशिएट करेंगे.
राहुल बजाज ने आगे कहा, हमारे उद्योगपति मित्रों में कोई यह नहीं बोलेगा. लेकिन हमें एक वातावरण बनाना होगा. मैं गलत हो सकता हूं... मुझे शायद कुछ चीजें नहीं बोलनी चाहिए. राहुल बजाज की बातों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, आपको कोई डराना नहीं चाहता है. न हमने ऐसा कुछ किया है कि कोई बोले तो सरकार को चिंता हो. हमारी सरकार पारदर्शी रूप में चली है. हमें किसी विरोध का डर नहीं है. अमित शाह ने कहा यह सिर्फ एक हौव्वा बनाया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी और हमारी सरकार के खिलाफ बहुत सारे अखबारों ने लिखा है, आज भी लिखते हैं. अगर किसी सरकार के बारे में सबसे ज्यादा लिखा गया है तो वह मोदी सरकार के खिलाफ है.
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राहुल बजाज ने संसद में प्रज्ञा ठाकुर के बयान का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा, कि पीएम ने कहा था कि उनके लिए प्रज्ञा ठाकुर को माफ करना आसान नहीं होगा, इसके बावजूद महिला बीजेपी सांसद को सदन के कंसलटेटिव कमेटी का सदस्य बना दिया गया. इस पर शाह ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे सीनियर बीजेपी नेताओं ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान की निंदा की थी. शाह ने कहा, न तो बीजेपी और न ही सरकार ऐसे बयानों का समर्थन करती है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
राहुल बजाज ने लिंचिंग का जिक्र करते हुए कहा, एक हवा पैदा हो गई है, इनटॉलरेंस की हवा है. हम डरते हैं…कुछ चीजों को हम बोलना नहीं चाहते हैं पर देखते हैं कि कोई दोषी ही नहीं साबित हुआ अभी तक. इस पर अमित शाह ने कहा, लिंचिंग पहले भी होती थी, आज भी होती है- शायद आज पहले से कम ही होती है, पर यह भी ठीक नहीं है कि कोई दोषी साबित नहीं हुआ है. लिंचिंग वाले बहुत सारे केस चले और समाप्त भी हो गए, सजा भी हुई है, पर मीडिया में छपा नहीं है.