राहुल गांधी के इस्तीफे पर प्रियंका गांधी ने की तारीफ, कहा- बहुत कम लोगों में ऐसा साहस...फैसले का दिल से सम्मान

राहुल गांधी के इस्तीफे की बहन प्रियंका गांधी की तारीफ की. प्रियंका गांधी ने कहा 'राहुल गांधी आपने जो किया, उसका साहस बहुत ही कम लोगों में होता है. आपके फैसले का सम्मान करते हैं.'

प्रियंका गांधी और राहुल गांधी (Photo- Twitter INC)

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को सभी सस्पेंस खत्म करते कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं. मैंने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक खत भी लिखा. जिसमें उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी'. 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. राहुल गांधी के इस कदम की बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की तारीफ की. प्रियंका गांधी ने कहा 'राहुल गांधी आपने जो किया, उसका साहस बहुत ही कम लोगों में होता है. आपके फैसले का सम्मान करते हैं.'

राहुल गांधी ने चार पेज का इस्तीफा ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया है. अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के नाते 2019 के चुनाव में मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही बेहद जरूरी है. यही कारण है कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.

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राहुल गांधी ने लिखा पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कठोर फैसले और 2019 की हार के लिए बहुत से लोगों को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत है. ऐसे में यह बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है कि मैं दूसरों को जिम्मेदार ठहराता रहूं, और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपनी जवाबदेही को नजरअंदाज करता रहूं.' राहुल गांधी ने कहा मैंने 'भविष्य की तरक्की' के लिए यह कदम उठाया है.

साथ ही राहुल ने लिखा, 'मेरी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है. बीजेपी के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है. मेरी रग-रग में भारत का विचार है.' राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा, 'हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरएसएस का घोषित लक्ष्य पूरा हो चुका है. हमारा लोकतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हो गया है. देश और संविधान पर हमले हो रहे हैं. देश का ताना-बाना नष्ट करने की कोशिश हो रही है. चुनावों के लिए संस्थानों की निष्पक्षता जरूरी है. हमारा लोकतंत्र कमज़ोर हो चुका है.'

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