प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे तक की बातचीत, दोनों देशों के संबंधों को विस्तार देने का लिया संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Photo Credits: IANS)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने शुक्रवार को रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे बातचीत की . उन्होंने द्विपक्षीय विकास साझेदारी को नई ऊर्जा देने और विवादास्पद मामलों पर मतभेदों से संपूर्ण संबंधों को अलग रखने का संकल्प लिया.सूत्रों ने बताया कि इस तटीय शहर में समुद्र किनारे स्थित एक रंगबिरंगे तम्बू के नीचे भव्य शोर मंदिर परिसर में बैठक तय समय से काफी लंबी चली.

इस दौरान दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए जटिल मामलों समेत कई विषयों पर बातचीत की. इस दौरान दोनों के अनुवादकों के उनकी मदद की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अनौपचारिक शिखर वार्ता के पहले दिन मोदी और शी की बैठक को काफी उपयोगी बताया.

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कुमार ने ट्वीट किया, "लंबे रात्रिभोज पर सुखद वार्ता के साथ अत्यंत सार्थक दिन का समापन हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी ने कलाक्षेत्र की अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुति के बाद रात्रिभोज में भारत-चीन साझेदारी को गहरा करने पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करना जारी रखा." इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई कि मोदी और शी ने कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की या नहीं.

इस मामले के कारण दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे, लेकिन ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि रात्रिभोज में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौरान इसका जिक्र हुआ था. मोदी ने रात्रिभोज के बाद ट्वीट किया, "मामल्लापुरम भारत से सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है, यह जीवंतता से भरा है. यह वाणिज्य, आध्यात्म से जुड़ा है और अब यह एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र है. मुझे खुशी है कि मैं और राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस खूबसूरत जगह में समय बिता रहे हैं, जो यूरेस्को का धरोहर स्थल भी है."

सूत्रों ने बताया कि शी और मोदी ने द्विपक्षीय विकास साझेदारी को नई ऊर्जा देने एवं विवादास्पद मामलों पर मतभेदों से समग्र संबंधों को अलग करने का संकल्प लिया. इससे पहले मोदी और शी ने बंगाल की खाड़ी को निहार रहे चट्टानों को काट कर बनाये गए सातवीं सदी के पंच रथ मंदिर की पृष्ठभूमि में नारियल पानी का आनंद लिया और अनौपचारिक बातचीत की.

तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा वेष्टि (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों अर्जुन तपस्या स्मारक, नवनीत पिंड (कृष्णाज बटरबॉल), पंच रथ और शोर मंदिर के दर्शन कराए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, "यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर अनौपचारिक शिखर वार्ता की यह सहज प्रकृति आगे भी जारी रहेगी और यह उच्चतम स्तर पर संपर्कों को गहरा करेगी और भारत-चीन संबध के भविष्य के मार्ग को निर्देशित करेगी."

शी के चेन्नई हवाईअड्डे पर उतरने के कुछ ही देर बात सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता शनिवार को शिखर वार्ता के समापन के बाद कुछ निर्देश जारी कर सकते हैं. उन्होंने पिछले साल चीन के वुहान में भी पहली शिखर वार्ता के बाद ऐसा ही किया था. दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता में कई विवादास्पद मुद्दों पर दोनों देशों के बीच मतभेदों के बावजूद आगे बढ़ने और विकास के नए मार्ग तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

सरकारी प्रसारणकर्ता दूरदर्शन द्वारा दिखाई गई दोनों नेताओं की फुटेज में मोदी सूर्यास्त के दौरान सूरज की मध्यम रोशनी में चीनी नेता को स्मारकों की ऐतिहासिक महत्ता बताते दिख रहे हैं. सफेद कमीज और काली पतलून पहने शी चीन के फुजियांग प्रांत के साथ ऐतिहासिक रूप से जुड़े इस तटीय शहर के विरासत स्थल में प्रसिद्ध गुफाओं एवं पत्थर की मूर्तियों में काफी रुचि दिखाते दिखे.

मोदी और शी की मदद के लिए उनके साथ एक-एक अनुवादक भी थे. दोनों पंच रथ परिसर में करीब 15 मिनट बैठे और उन्होंने नारियल पानी पीते हुए गहन वार्ता की. इस बैठक की तस्वीरों में दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच गर्मजोशी और तालमेल दिखा. दोनों नेता पंच रथ से पल्लव राजवंश की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शोर मंदिर गए जिसमें की गई रोशनी देखते ही बन रही थी.

वहां कुछ समय बिताने के बाद मोदी और शी के साथ दोनों पक्षों के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल भी वहां आ गए. इसके बाद सभी ने कलाक्षेत्र सोसाइटी की सांस्कृतिक प्रस्तुति का आनंद लिया. इस समारोह के बाद मोदी ने शोर मंदिर परिसर में एक निजी रात्रिभोज में शी की मेजबानी की. मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया गया था. दोनों पक्षों से आठ-आठ प्रतिनिधियों को भी इस भोज के लिए आमंत्रित किया गया था. रात्रिभोज में तमिलनाडु के चुनिंदा पारंपरिक व्यंजनों समेत शाकाहारी एवं मांसाहारी व्यंजन परोसे गए.

नवनीत पिंड (कृष्णाज बटरबॉल) स्थल पर मोदी ने शी के साथ निजी तालमेल को दर्शाते हुए उनका हाथ पकड़कर ऊपर उठाया. कुमार ने एक ट्वीट किया, साथ मिलकर, सीना ताने खड़े. इससे पहले मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए यहां पहुंचे शी का चेन्नई में भव्य स्वागत किया गया. शी के यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और चीन में नियुक्त भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने उनका स्वागत किया.

शी के एयर चाइना बोइंग 747 विमान से भारत पहुंचने के कुछ ही देर बाद मोदी ने ट्वीट किया, "राष्ट्रपति शी चिनफिंग, आपका भारत में स्वागत है." शी के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य डिंग शुएशियांग और स्टेट काउंसलर यांग जिएची समेत 90 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंचा. शी के स्वागत में हवाईअड्डे पर एक छोटे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया.

मोदी और शी शनिवार सुबह आमने-सामने की बातचीत करेंगे, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी. इसके बाद दोनों पक्ष शिखर वार्ता के परिणाम पर अलग-अलग बयान जारी करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, "दोनों पक्ष जानते हैं कि इन संबंधों पर काफी कुछ टिका है और यह इस बात से पता चलता है कि शिखर वार्ता के स्थगित होने को लेकर हालिया सप्ताह में लगाई गई अटकलों के बावजूद यह वार्ता पूर्व निर्धारित समय पर ही हुई."

भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने पीटीआई से कहा कि अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नयी आम-सहमतियां उभर सकती हैं. दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता व्यापार संबंधों के विस्तार के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाये रखने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान दिया जा सकता है. दोनों नेताओं की पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता अप्रैल 2018 में चीन के शहर वुहान में हुई थी. इससे कुछ महीने पहले ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में गतिरोध की स्थिति रही थी.