नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) खत्म होने के बाद अब सभी प्रमुख राजनीतिक दल और नेता इस साल देश के तीन राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए है. 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सभी राज्यों में मुकाबला और भी रोचक होने की उम्मीद है. पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो इन चुनाव परिणामों का प्रभाव प्रदेश की विधानसभा चुनावों पर भी देखने को मिलेगा.
गौरतलब हो कि इस साल के अंत तक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में मौजूदा सरकार का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है. हालांकि तीनों राज्यों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होने के आसार है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी करारी हार के कारण हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन को लेकर खुद आशंकित हो गई है. हाल यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए करो या मरो की लड़ाई चल रही है.
महाराष्ट्र-
पिछले विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बीजेपी ने 122 सीटें और उसकी सहयोगी शिवसेना ने 63 सीटें जीत कर सत्ता में है. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 42 सीटों पर जीत नसीब हो पाई थी. वहीं सूबे की 48 लोकसभा सीटों पर बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने 41 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज कर सभी को पस्त कर दिया. सूबे में कांग्रेस को केवल 5 सीटों पर जीत मिली. महाराष्ट्र के लोकसभा नतीजों पर गौर करें तो दोबारा आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की वापसी लगभग तय है.
हरियाणा-
2014 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस केवल 15 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. अक्टूबर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बीजेपी, कांग्रेस तथा ओम प्रकाश चौटाला की भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) राज्य की तीन प्रमुख पार्टियां हैं. जहां एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी फिर से चुनाव जितने का दावा कर सत्ता की कुर्सी पर बैठने का ऐलान कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कमजोर विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस अंदरुनी कलह से जूझ रही है. आपको बता दें कि आम चुनाव में बीजेपी के खाते में राज्य की सभी 10 संसदीय सीटें आई है.
राज्य में 2014 की हार के बाद से कांग्रेस की स्थिति लगातार गिरती जा रही है. खट्टर सरकार को मोदी फैक्टर से सूबे में 'असाधारण जीत' का भरोसा है. इससे पहले खट्टर सरकार जनवरी में जींद में हुए विधानसभा उपचुनाव को जीत चुकी है. इस उप चुनाव में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को हार का मुंह देखना पड़ा. यह पहली बार है कि बीजेपी ने जींद सीट जीती है.
झारखंड-
राज्य में बीजेपी ने कुल 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर कब्जा जमा लिया. झारखंड लोकसभा चुनाव में जमकर मोदी लहर दिखी जो अब आगामी विधानसभा चुनाव में भी जारी रहने के अनुमान है. लोकसभा में बीजेपी के धमाकेदार प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं.
2014 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल 81 सीटों में से बीजेपी ने 37 सीटें अपने नाम की थी और उसके सहयोगी दल आजसू (AJSU) को पांच सीटों पर जीत मिली थी. दरअसल बीजेपी ने 73 सीटों और आजसू ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 19 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उभरी थी. उधर कांग्रेस ने आरजेडी और जेडीयू के साथ गठबंधन कर केवल छह सीटें ही जीत पाई.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर 303 सीटों पर कब्ज़ा जमाकर हर किसी को चकित कर दिया है. जबकि देशभर में कांग्रेस को मात्र 52 सीटें मिलीं. इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी हार गए. राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने करीब 55000 मतों से मात दी. ईरानी ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव भी गांधी को कड़ी चुनौती दी थी.