चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत पर बिहार विधानमंडल के बाहर विपक्षियों ने किया हंगामा, की स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन भी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की हुई मौत पर विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ा रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस से करीब 140 बच्चों की मौत हो गई है.
पटना : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन बुधवार को भी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) से बच्चों की हुई मौत पर विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ा रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. बिहार विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (NDA) और कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य में सूखे और पेयजल की समस्या का मुद्दा उठाया.
विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सदन को बताया कि सरकार जल संकट के मुद्दे पर व्यापक चर्चा कराने जा रही है. उन्होंने सदन को बताया कि 13 जुलाई को 10 बजे से सेंट्रल हाल में चर्चा होगी, जिसमें सभी विधायकों से सुझाव लिया जाएगा.
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इसके बाद राजद ने एईएस मुद्दे को लेकर हंगामा प्रारंभ कर दिया. राजद के सदस्यों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के सिर्फ दुख प्रकट करने से कुछ नहीं होगा, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना होगा.
राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार द्वारा एईएस को लेकर केवल सदन में जवाब देने से कुछ नहीं होगा. इस पर कार्रवाई क्या हुई, यह भी सरकार को बताना होगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए.
इधर, विधान परिषद में भी राजद सदस्यों द्वारा हंगामा हुआ. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए हलफनामे पर भी राजद ने प्रश्न उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि जिस तरह राज्य में बच्चे मर रहे हैं, वह सरकार की अक्षमता दिखाता है. इसके लिए जिम्मेदार स्वास्थ मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार न्यायालय में कुछ तथा सदन में कुछ और बात करती है. उन्होंने कहा कि आज अगर राज्य में चिकित्सकों और स्वास्थकर्मियों की कमी है, तो इसके लिए दोषी कौन है.उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस से करीब 140 बच्चों की मौत हो गई है.