मोदी चाहते हैं कि ड्रोन दूर-दराज के इलाकों में डाक पैकेज पहुंचाएं: गरुड़ एयरोस्पेस एमडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

चेन्नई, 24 अक्टूबर: चेन्नई स्थित गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) , एक ड्रोन-ए-ए-सर्विस (डीएएएस) स्टार्टअप के 31 वर्षीय प्रबंध निदेशक अग्निश्वर जयप्रकाश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात के बाद उत्साह से लबरेज हैं. जयप्रकाश ने आईएएनएस से कहा, "ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ मोदी चाहते हैं कि ड्रोन देश के दूरदराज के इलाकों से जुड़ें. यह भी पढ़े: Mann Ki Baat on October 24, 2021 Live Streaming: पीएम मोदी कुछ ही देर में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने विचार करेंगे साझा, यहां सुने लाइव

दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को दवाएं और अन्य चीजें पहुंचाने के अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन उन्हें डाक पैकेज भी पहुंचा सकते हैं. "उन्होंने कहा, "मैं इस बात से चकित था कि वह ड्रोन पर कितना व्यावहारिक था. वह हालिया नीतिगत पहलों पर उद्योग की प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्सुक थे. मैंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की ड्रोन राजधानी बन जाएगा. प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि सेवाओं की पेशकश की ड्रोन किफायती होने चाहिए. "

उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स, फिनटेक, ऑनलाइन खाद्य वितरण क्षेत्रों की तरह, संशोधित नीतियां भारतीय ड्रोन उद्योग को गति देंगी. भारत के लिए पदक जीतने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्विमिंग पूल में काफी धूम मचाने वाले जयप्रकाश ने मोदी को लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में गरुड़ एयरोस्पेस की ड्रोन गतिविधियों के बारे में भी बताया, जहां से प्रधान मंत्री चुने गए थे. जयप्रकाश ने 22 अक्टूबर को मोदी से मुलाकात की थी.

उन्होंने कहा, "मैंने एनएचएआई, एनटीपीसी, भारतीय सर्वेक्षण, सेल और वाराणसी स्मार्ट सिटी और इसरो में दवाओं, सब्जियों की ड्रोन डिलीवरी में गरुड़ की चल रही परियोजनाओं पर एक संक्षिप्त जानकारी साझा की, जिसमें प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि भौगोलिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों में शहरी वायु गतिशीलता और भोजन वितरण ड्रोन का उपयोग ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर हमें नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करने की आवश्यकता है. "

गरुड़ एयरोस्पेस हाल ही में स्पेसएक्स के संस्थापक और टेस्ला मोटर्स के सीईओ एलोन मस्क द्वारा नए सोलर पैनल क्लीनिंग सूर्या ड्रोन को नोटिस किए जाने को लेकर खबरों में था और बाद में यूके स्थित फंड से प्री-सीरीज ए फंडिंग में 1 मिलियन डॉलर जुटाए. जयप्रकाश के अनुसार, गरुड़ एयरोस्पेस के पास लगभग 300 ड्रोन और लगभग 500 पायलट हैं और इसका वैल्यूएशन लगभग 400 करोड़ रुपये है.

ड्रोन-आधारित सेवाएं जैसे कीटनाशकों/कीटनाशकों का छिड़काव, औद्योगिक मानचित्रण और अन्य की पेशकश करने वाली कंपनी की ऑर्डर बुक स्थिति लगभग 23 करोड़ रुपये है. जयप्रकाश ने कहा, "हम नए फंड के साथ अपनी विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं. वर्तमान में, हम प्रति दिन लगभग 25 ड्रोन बना सकते हैं. ड्रोन-आधारित सेवाओं की पेशकश के अलावा, हम ड्रोन भी बेचते हैं. दक्षिण भारत, हरियाणा और पंजाब में किसान हमारे कृषि ड्रोन खरीद रहे हैं.