मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस (Congress) की कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार पर अब संकट गहराता ही जा रहा है. मंगलवार सुबह से अब तक कमलनाथ सरकार के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. सीएम कमलनाथ से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scinidia) के पार्टी से इस्तीफे के बाद एक-एक करके 22 विधायकों ने इस्तीफा सौंप दिया दिया. अब इस समय का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस राज्य में सरकार बचा पाएगी? या खेल पूरी तरह से बीजेपी के हाथों में चला गया है. 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद, सदन में कांग्रेस के पास मात्र 92 विधायक रह गए हैं. बीजेपी के पास इस समय खुद के 107 विधायक है. वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत इस्तीफा देने वाले अन्य विधयाकों के बीजेपी में आने की अटकलें तेज हैं.
इस बीच बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार गिरती है तो उनकी पार्टी दावा करेगी. माना जा रहा है कि 16 मार्च से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन ही बीजेपी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर इन विधायकों की मदद से अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाकर कमलनाथ सरकार को गिरा देगी. इसके बाद बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
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कांग्रेस के 92 और अगर सात अन्य विधयाकों को जोड़ें तो कुल विधायकों की संख्या 99 हो जाएगी. वहीं बीजेपी के पास अपने ही 107 विधायक हैं ऐसे में बीजेपी को ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. संख्याओं की गणित में कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी काफी मजबूत है. आंकड़ों को देखकर यही लगता है कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर लेगी. इस समय एक सवाल यह भी है कि क्या बीजेपी एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को ही सत्ता का दारोमदार देती है.
देखना यह भी होगा कि निर्दलीय, एसपी और बीएसपी के कुल सात विधायक क्या निर्णय लेते हैं. वे कांग्रेस के साथ बने रहते हैं है बदलती सियासत के साथ ढलते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं. बताया जा रहा है कि बीजेपी उन्हें मध्य प्रदेश में कमल खिलाने के बदले राज्य सभा भेज सकती है. रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि केंद्र में उन्हें मंत्री भी बनाया जा सकता है. कमलनाथ सरकार के गिरने की स्थिति में बनने वाली नई सरकार में सिंधिया खेमे को एक उपमुख्यमंत्री पद भी बीजेपी दे सकती है.