मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: शिवराज सिंह चौहान की सरकार को नरेंद्र मोदी की नीतियां ले डूबी
शिवराज सिंह चौहान (Photo Credits: PTI)

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को लगभग बराबरी पर लाने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की बड़ी भूमिका है. राज्य के राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि बीजेपी की सीटें घटने का कारण केंद्र सरकार की नीतियों से जनता की नाराजगी है. इसके पीछे जल्दबाजी में GST लागू करने, नोटबंदी और चुनाव से पहले फ्यूल की कीमतें बढ़ने जैसे कारण हैं.

हम आपको बता दें कि मध्यप्रदेश चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है. जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान का चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह अपनी सीट बचाने में तो कामयाब रहे, लेकिन उनके 11 मंत्री अपनी सीट भी नहीं बचा पाए. कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 पर जीत हासिल हुई है. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल के पास अपना इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान शिवराज ने कहा कि हमारी पार्टी को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे.

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ज्ञात हो कि वही पिछले चुनाव में बीजेपी को रेकॉर्ड 165 सीटें मिली थीं. चौहान के नजदीकी माने जाने वाले बीजेपी के एक नेता ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'राज्य में चौहान से वास्तव में नाराजगी नहीं थी. लोग भले ही उनके चेहरे से थक गए हों, लेकिन उनसे नफरत नहीं थी. बीजेपी के इस बार के चुनाव में कांग्रेस को बराबरी की टक्कर देने का बड़ा कारण भी राज्य में चौहान की लोकप्रियता है. विशेषतौर पर महिला मतदाता उन्हें पसंद करती हैं.'