लोकसभा चुनाव 2019: एसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चाहते हैं मुलायम सिंह यादव बनें देश के प्रधानमंत्री
समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चाहते हैं कि इस चुनाव में पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमंत्री बनें,,
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चाहते हैं कि इस चुनाव में पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमंत्री बनें. इस बात का उन्होंने संकेत भी दिया है. एक चैनल को दिये गए साक्षात्कार में अखिलेश ने कहा, "अच्छा होगा, अगर नेताजी को प्रधानमंत्री बनने का सम्मान मिले. वह देश के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और इस पद पर बैठने के योग्य भी हैं. मैं उन लोगों में शामिल हूं जो देश में नया प्रधानमंत्री चाहते हैं. मैं चाहता हूं कि केंद्र की अगली सरकार के गठन में उत्तर प्रदेश का योगदान हो."
सपा मुखिया ने कहा, "हमारा गठबंधन भारत को नया प्रधानमंत्री देना चाहता है. जब अंतिम नतीजे सामने आ जाएंगे, तब पार्टी प्रधानमंत्री पद के बारे में तय करेगी." उन्होंने कहा, "अच्छा होगा, यदि नेताजी को यह सम्मान मिलता है, लेकिन मुझे लगता है, वह संभवत: प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं."
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पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रियंका गांधी के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वोट काटने के लिए कांग्रेस ने कमजोर प्रत्याशी खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने उनके दावे को नकारते हुए कहा कि लोग उनके साथ नहीं हैं ऐसे में यह एक बहाना है.
अखिलेश ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस ने कहीं भी कमजोर उम्मीदवार उतारे हैं. किसी भी पार्टी ने ऐसा नहीं किया." उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने हर लोकसभा क्षेत्र में अपना सबसे मजबूत प्रत्याशी खड़ा किया है. इससे लगता है कि कांग्रेस यूपी में फिर से खड़ा होने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है.
पत्नी डिंपल यादव के गैर भाजपा सरकार में मंत्री बनने की बात पर अखिलेश यादव ने कहा, "मेरी इच्छा है कि पहले वह बड़े अंतराल से कन्नौज से जीत दर्ज करें. प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) ओपी सिंह तो डिंपल यादव को हराने के लिए पूरा जोर लगा चुके हैं."
उन्होंने कहा, "भाजपा व कांग्रेस एक-दूसरे की ही 'ए' व 'बी' टीम हैं. दोनों ही सबसे पुराने दल हैं तो यह किसी नए को उभरते देखना ही नहीं चाहते हैं. इन दोनों दलों में कोई फर्क नहीं है. लगातार दस साल तक राज करने वाली कांग्रेस अब दस साल तक भाजपा को सत्ता में देखना चाहती है. कांग्रेस ने ही भाजपा को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की शिक्षा दी है."