कृषि कानूनों को लेकर केजरीवाल-बीजेपी में रार, दिल्ली के सीएम पर बीजेपी का हमला
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 28 दिसंबर : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर बहस की चुनौती दी तो भाजपा की दिल्ली इकाई ने उनके लिए कुर्सी लगवाकर आमंत्रित किया. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) के आवास पर प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता और सभी भाजपा नेता मुख्यमंत्री केजरीवाल का इंतजार करते रहे. आदेश गुप्ता और मनोज तिवारी ने कहा कि आज भले ही मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी व्यस्तता के कारण न पहुंचे हों, लेकिन आगे वे अपनी सुविधानुसार समय और स्थान बताएं तो भाजपा नेता उन्हें तीनों कृषि कानूनों के फायदे बताएंगे.

तिवारी ने कहा कि उन्होंने आज केजरीवाल को चर्चा के दौरान पिलाने के लिए स्पेशल चाय की भी व्यवस्था की थी, लेकिन बुलावे के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं आ रहे हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को सिंघु बॉर्डर पर जाकर प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात कर केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने कानूनों पर बहस की चुनौती देते हुए कहा, "मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह किसानों के साथ खुली बहस करें, जिससे पता चल जाएगा कि ये कृषि कानून लाभदायक हैं या हानिकारक." यह भी पढ़ें : देश की खबरें | केरल के किसान संगठन ने दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए 16 टन अनानास भेजे

केंद्र सरकार के किसी मंत्री ने उनकी चुनौती तो नहीं स्वीकार की, लेकिन दिल्ली भाजपा इकाई ने जरूर उन्हें बहस के लिए आमंत्रित किया. इसकी पहल भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने की. मनोज तिवारी के 24, मदर टेरेसा क्रिसेंट रोड स्थित आवास पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता भी पहुंचे. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | पंजाब 2020 : राज्य के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर अवरुद्ध किया

आदेश गुप्ता ने कहा कि दूसरे राज्यों मे जाकर मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते हैं कि कृषि कानून के क्या लाभ हैं, उन्हें यह समझाने के लिए कोई नहीं आया. आज जब उनको यह समझाने के लिए बुलाया, तो वे आए नहीं.मनोज तिवारी ने कहा कि कुछ दिनों पहले निगम के तीनों महापौर मुख्यमंत्री के दरवाजे के बाहर कई दिनों तक रहे, लेकिन केजरीवाल बाहर निकलकर मिलने तक नहीं आए. अब कृषि कानूनों पर बहस के लिए बुलावे के बाद भी वह नहीं आए.