नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा सकती है. इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार उनमें यह पूंजी डाल सकती है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (National Insurance Company), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में पूंजी डालने के लिए वित्तीय सेवा विभाग ने 4,000 करोड़ रुपये की मांग की है.
सूत्रों ने बताया कि बजट में आवंटित की जाने वाली पूंजी के बाद हर कंपनी को पूंजी का बंटवारा किया जाएगा. अधिकतर साधारण बीमा कंपनियों के लाभ कमाने की स्थिति बेहतर नहीं है. इसकी अहम वजह प्रीमियम से आय के मुकाबले ज्यादा दावे पेश किए जाने से होने वाले नुकसान का दबाव है.
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यह बात भी गौर करने लायक है कि 2018-19 के बजट में सरकार ने नेशनल इंश्योरेंस (National Insurance) कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विलय का प्रस्ताव किया था. वित्त मंत्री (Finance Minister) अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इन तीनों कंपनियों को मिलाकर एक बीमा कंपनी बनाया जाएगा.
इस विलय को संभवत: चालू वित्त वर्ष में पूरा कर लिया जाए. तीनों कंपनियों के पास 31 मार्च 2017 तक कुल साधारण बीमा बाजार की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इनके पास 200 से ज्यादा बीमा उत्पाद हैं जिनका कुल प्रीमियम 41,461 करोड़ रुपये रहा.