लखनऊ, 19 नवंबर: देश में चार दिवसीय छठ पर्व (Chhath Puja) की शुरुआत हो चूकी है. आगामी शुक्रवार को श्रद्धालु सूर्य देव को संध्या अर्घ्य देंगे. इसके पश्चात् शनिवार को ऊषा अर्घ्य सूर्य देव को अर्पित किया जाएगा. इस बीच उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Disease) को देखते हुए लोगों से घरों पर छठ पर्व मनाने की सलाह दी है. ANI न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है लेकिन संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए मेरा आप सब से निवेदन है कि इस बार का छठ पर्व आप सब अपने घर पर मनाने का प्रयास करें इससे आप और आपका परिवार संक्रमण से बचा रहेगा.'
बता दें बीते बुधवार (18 नवंबर 2020) को सूर्य देव (Surya Dev) और छठ मैया (Chhath Maiyya) की उपासना के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो चूकी है. दरअसल, चार दिवसीय छठ पूजा पर्व की शुरुआत हर साल दिवाली (Diwali) के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और समापन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होती है. हालांकि छठ पूजा का मुख्य पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है.
कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है लेकिन संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए मेरा आप सब से निवेदन है कि इस बार का छठ पर्व आप सब अपने घर पर मनाने का प्रयास करें इससे आप और आपका परिवार संक्रमण से बचा रहेगा: यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/XijRAHXIvA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 19, 2020
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छठ पूजा पर्व की शुरुआत नहाय-खाय (Nahay Khay) के साथ होती है. इस दिन व्रती किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं, फिर मिट्टी के चूल्हे पर मिट्टी या पीतल के बर्तनों में चने की दाल, लौकी और चावल बनाया जाता है, जिसका सेवन करने के बाद व्रत की शुरुआत हो जाती है.
इसके पश्चात् दूसरे दिन लोहंडा खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन ऊषा अर्घ्य शामिल है. इस व्रत के दौरान लोग 36 घंटे तक निर्जल निराहार रहते हैं और किसी तालाब या नदी के पानी में खड़े होकर सूर्यास्त के दौरान डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और अगले दिन सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.