Bihar Assembly Election 2020: बीजेपी ने 'रूठों' को उनके हाल पर छोड़ा, नाराज नेताओं के लिए नया ठिकाना बन गया LJP
बीजेपी (Photo Credits: Facebook)

पटना, 8 अक्टूबर: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नाराज भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं के लिए नया ठिकाना बन गया है. बीजेपी के लिए यह चिंता का सबब जरूर बना है, लेकिन बीजेपी ऐसों को अपने हाल पर छोड़ दिया है. वैसे, राजग के नेता इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोलते, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि लोजपा का बिहार में आधार नहीं है.

लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान ऐसे तो जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार से नाराज होकर बिहार में उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है, लेकिन इसका खमियाजा बीजेपी को भी उठाना पड़ रहा है. टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के कई दिग्गज लोजपा का दामन थाम चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. रोहतास जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र जदयू के कोटे में जाने के बाद, उस क्षेत्र से विधानसभा में कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके बीजेपी के नेता रामेश्वर चौरसिया ने लोजपा का दामन थाम कर चुनावी मैदान में जाने का फैसला कर लिया है.

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इधर, दिनारा क्षेत्र के भी जदयू के हिस्से में जाने के बाद बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह लोजपा का दामन थाम चुके हैं. बीजेपी की उपाध्यक्ष रहीं डॉ.उषा विद्यार्थी भी बुधवार को लोजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. डॉ. विद्यार्थी के पटना जिले के पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से लोजपा की प्रत्याशी बनने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में पार्टी ऐसे नेताओं को लेकर मंथन में जुट गई है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे कहते हैं कि, "लोजपा 'वोटकटवा' के अलावा कुछ नहीं है.

उन्होंने कहा कि राजग का कोई कार्यकर्ता लोजपा के साथ नहीं जाएगा. उन्होंने माना कि कई लोग नाराज होकर इधर-उधर जाते हैं लेकिन बीजेपी ऐसी पार्टी है, जिसके कार्यकर्ता देर-सबेर इधर उधर कूद-फांदकर फिर लौट आते हैं." इधर, बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि, "किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी है. जिसे पार्टी से निष्ठा नहीं होगी, वे इधर-उधर जा सकते हैं. कोई कहीं जाता है, तो जाने वाले लोगों को कोई नहीं रोक सकता है. यह खुद सोचने की बात है.

जदयू के नेता और सांसद सुनील कुमार पिंटू कहते हैं कि, "लोजपा का बिहार में कोई आधार नहीं है. इसके पहले भी लोजपा अकेले चुनाव लड़कर देख ली है. इस चुनाव में भी वही होना है." इधर, बिहार के चुनाव प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट कहा था कि, "राजग के बाहर कोई भी किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ेगा वो हमारा नहीं है. बीजेपी स्पष्ट कर चुकी है कि जिसे भी बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व पसंद नहीं है, वह भााजपा के साथ नहीं है."

वैसे, सूत्र यह भी कहते हैं कि बीजेपी के रणनीतिकार ऐसे नाराज नेताओं के संपर्क में हैं, देर सबेर इन्हें मना लिया जाएगा. पहले चरण में फिलहाल 71 सीटों पर चुनाव होना है. बिहार में पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी. दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव परिणाम 10 नवंबर को निकलेंगे.