बिहार में मानसून की दगाबाजी को देख सरकार ने बनाया प्लान, 100 गांवों को बनाएगी 'क्लाइमेट स्मार्ट'

बिहार में लगभग हर साल मानसून की दगाबाजी और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार, बिहार के 100 गांवों को 'क्लाइमेट स्मार्ट' बनाने जा रही है, जिसका उद्देश्य मौसम के अनुरूप खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादकता बढ़ाना है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई गई है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo Credits- IANS)

बिहार (Bihar) में लगभग हर साल मानसून (Monsoon) की दगाबाजी और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार, बिहार के 100 गांवों को 'क्लाइमेट स्मार्ट' (Climate Smart) बनाने जा रही है, जिसका उद्देश्य मौसम के अनुरूप खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादकता बढ़ाना है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई गई है. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पहले चरण में राज्य के आठ जिलों- पटना (Patna), नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा एवं समस्तीपुर के कुल 100 गांवों के 10 हजार किसानों को इस परियोजना में शामिल करने की योजना बनाई गई है. इस परियोजना के तहत चयनित गांवों में गेहूं, मक्का, धान, दाल, तेलहन और सब्जी के अधिक उत्पादन वाली बीजों की किस्में विकसित की जाएंगी, जिससे किसान ज्यादा उत्पादन कर सकें.

बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि इसके लिए चार कॉरिडोर बनाए गए हैं और सभी कॉरिडोर्स में 25 गांवों का चयन किया गया है. इसके साथ ही चार एजेंसियों का चयन कर लिया गया है, जिसमें राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और सबौर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का मानना है कि राज्य के आधे हिस्से प्रतिवर्ष सूखे की चपेट में आ जाते हैं, जबकि आधे हिस्से बाढ़ की चपेट में रहते हैं, ऐसे में हर साल प्राकृतिक आपदा झेलने वाले इस राज्य के किसानों को लाभ नहीं मिल पाता. इस योजना से किसान ज्यादा उत्पादन करेंगे तथा उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. यह भी पढ़ें- बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र कल से, तेजस्वी यादव की वापसी के इंतजार में आस लगाए बैठी है RJD

उन्होंने कहा, "इस योजना का लक्ष्य मौसम के अनुरूप खेती कराना, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना, किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित करना, किसानों का समूह निर्माण करना और फसल प्रत्यक्षण की उन्नत तकनीकों का उपयोग करना है."

Share Now

\