इटानगर: अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चाउना मीन समेत सत्तारूढ़ भाजपा के 10 उम्मीदवारों ने बिना किसी मुकाबले के अपनी-अपनी सीटें जीत लीं. चुनाव अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
इटानगर में चुनाव अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग सीटों पर नामांकन वापस लेने के बाद पता चला कि भाजपा के 10 उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए.
मुक्तो विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री खांडू के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं था. इसी तरह, भाजपा के पहली बार चुने गए और सेवानिवृत्त इंजीनियर तेची रोटू सागली विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे.
मुख्यमंत्री खांडू ने एक्स पर पोस्ट किया: "भाजपा कार्यालय में माननीय मंत्री और प्रभारी श्री अशोक सिंघल जी, माननीय उप मुख्यमंत्री श्री चौना मीन जी और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ 10 भाजपा विधानसभा उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का जश्न मनाया."
उन्होंने कहा, "यह सब मोदी की गारंटी में लोगों के प्यार, विश्वास और राज्य के सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने में हमारे समर्पण के कारण है."
असम के मंत्री और भाजपा के अरुणाचल प्रदेश प्रभारी अशोक सिंघल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के संदर्भ में नामांकन के दौरान भाजपा के 10 उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अरुणाचल प्रदेश की दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भारी बहुमत से विजयी घोषित होंगे और इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी विधानसभा की 60 में से 60 सीटें जीतेगी. विधानसभा में एक नया इतिहास रचा जाएगा.” यह भी पढ़े :Man ki Baat: आचार संहिता की वजह से नहीं हुआ पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण
मुख्यमंत्री खांडू और उप मुख्यमंत्री चाउना मीन के अलावा, अन्य आठ भाजपा उम्मीदवार जो निर्विरोध चुने गए हैं, वे हैं दासंगलू पुल (हयुलियांग-एसटी), डोंगरू सियोंग्जू (बोमडिला), तेची रातू (सागली) , हेगे अप्पा (ज़ीरो-हापोली), जिक्के ताको (ताली), न्यातो डुकम (तालिहा), मुत्चू मीठी (रोइंग) और तेची कासो (ईटानगर).
1999 में विभिन्न दलों के चार उम्मीदवार अरुणाचल विधानसभा के लिए निर्विरोध चुने गए और तब से यह प्रथा जारी है.
2014 में निवर्तमान मुख्यमंत्री खांडू सहित 11 कांग्रेस विधायक निर्विरोध निर्वाचित हुए थे.हालांकि, खांडू के नेतृत्व में अधिकांश विधायकों ने बाद में कांग्रेस छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए भाजपा में शामिल हो गए.
पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा के तीन उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे.
राज्य की दो लोकसभा सीटों - अरुणाचल पश्चिम और अरुणाचल पूर्व के लिए विधानसभा चुनाव और मतदान 19 अप्रैल को एक साथ होंगे.
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अरुणाचल की 60 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की थी. बाद में दूसरे दलों के सात विधायक भाजपा में शामिल हो गए.
विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 2 जून को होगी, जबकि दो लोकसभा सीटों के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.