PM Cares for Children Scheme: बेहद खास है, कोरोना से अनाथ हुए बच्‍चों के लिए 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना'
पीएम मोदी (Photo Credits: DD News)

कोरोना महामारी के इस दौर में यदि सबसे अधिक कोई प्रभावित हुए हैं तो वे हैं बच्‍चे, जिनमें किसी ने मां को खोया है तो किसी ने पिता को और कोई दोनों को खोकर बेसहारा हुआ है. अब ऐसे में जहां आधुनिकता की चकाचौंध और रोजगार की जरूरतों ने संयुक्‍त परिवार के तानेबाने को ही ध्‍वस्‍त कर दिया है, तब चिंता यही सामने खटकती है कि आखिर इन बच्‍चों का भविष्‍य कैसे उज्‍जवल होगा? कौन अब इन नन्‍हे बच्चों की चिंता करेगा और जीवन में आगे बढ़ने के लिए योग्‍यतानुकूल अवसर प्रदान करेगा? इस विकट समस्‍या का समाधान भावनात्‍मक और प्रेमस्‍पर्शी रूप में जब सामने आया तो स्‍वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इसे गंभीरता से लिया. यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने कहा- पहली लहर के खिलाफ पूरे हौसले से लड़ाई लड़ी, दूसरी लहर पर भी भारत विजय हासिल करेगा

बताना चाहेंगे, इसके लिए पीएम मोदी की तरफ से इन बच्चों की मदद के लिए एक नई पहल की शुरुआत हुई है, जो न केवल इन्हें एक दिशा देती है बल्‍कि जिन राज्‍यों ने अब तक इस प्रकार का कोई मदद का हाथ आगे नहीं बढ़ाया, उन्‍हें भी प्रेरणा देती है कि संवैधानिक ढांचे में लोक के हर सदस्‍य की चिंता राज्‍य का कर्तव्‍य है. ऐसे में अब देश में उन सभी बच्‍चों को भविष्‍य में भी अच्‍छी शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और आगे बढ़ने के तमाम अवसर मिलते रहेंगे, जिनके कि वे हकदार हैं.

'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना बनेगी बच्‍चों का सहारा

प्रधानमंत्री कार्यालय से इस संबंध में जो जानकारी सामने आई है, उसमें बताया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे कोविड काल में उन तमाम बच्‍चों को लेकर चिंतित थे, जिन्‍होंने कोरोना से अपने माता-पिता खो दिए हैं. काफी विचार विमर्श के बाद निष्‍कर्ष निकला कि देश में एक ऐसी योजना विकसित की जानी चाहिए, जिसमें कि इस प्रकार के सभी बच्‍चों को समाहित कर सभी जरूरी मदद की पूर्ति की जा सके. उसके बाद 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना का मूर्त रूप आज सामने आ सका है. यह भी पढ़ें: 7 Years of Modi Government: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले- पीएम मोदी हमेशा देश के विकास के बारे में सोचते हैं, देखें Video

23 वर्ष की आयु होने पर मिलेगी दस लाख रुपये की आर्थिक मदद

अब इस योजना में ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा मिलेगी, उनका हेल्थ बीमा भी किया जाएगा, जो कि 'आयुष्यमान भारत योजना' के अंतर्गत पांच लाख रुपए तक का होगा, जिसका प्रीमियम भुगतान 'पीएम केयर फंड' की ओर से किया जाएगा. इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाएगा, उसमें भी ब्याज पीएम केयर फंड ही देगा. 18 वर्ष का होने पर मासिक आर्थिक सहायता (स्टाइपेंड) और 23 वर्ष का होने पर 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी, जिससे वह अपने हिसाब से अपना सुनहरा भविष्‍य तय कर सकेंगे.

इसमें भी विशेष बात यह है कि यदि बच्चे का एडमिशन किसी निजी स्कूल में होता है तो ''प्रधानमंत्री केयर्स फंड'' से 'राइट टु एजुकेशन' के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी. उनकी स्कूल ड्रेस, किताबों और नोटबुक पर होने वाले खर्च के लिए भी भुगतान केंद्र की सरकार द्वारा ही किया जाएगा.

ये कहते हैं प्रधानमंत्री मोदी

बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम उनकी मदद और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे. एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें. हम अपने बच्चों का ख्याल रखें और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम करें.

इन राज्‍यों ने भी बढ़ाए मदद के हाथ

केंद्र की इस पहल की तरह ही कुछ राज्‍यों ने भी बच्‍चों के प्रति अपने सामाजिक दायित्‍वों को गंभीरता से समझा है, जिसमें कि अभी बीजेपी शासित राज्‍य ही प्रमुखता से आगे आए हैं. मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा, कर्नाटक, उत्तराखण्‍ड, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश सरकारों को इस दिशा में प्रमुखता से आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है.

मध्‍य प्रदेश : मुख्‍यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना

यहां ''मुख्‍यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना'' बच्‍चों की मदद के लिए आगे आई है, जिसमें कि ऐसे बच्चों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह की पेंशन, निशुल्क राशन, पहली से 12वीं तक सरकारी स्कूलों में निशुल्क पढ़ाई और निजी स्कूल मे पढ़ाई के लिए सरकार 10 हजार रुपये सालाना देगी. महाविद्यालयीन पढ़ाई का खर्चा भी सरकार उठाएगी.

उत्‍तर प्रदेश : बाल सेवा योजना

उत्‍तर प्रदेश में ''बाल सेवा योजना'' से बच्‍चों की सहायता की जाएगी, जिसमें कि बच्चे के वयस्क होने तक उसकी देखभाल करने वाले को 4,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. जिनकी आयु दस वर्ष से कम है और जिनका कोई अभिभावक नहीं, उन्‍हें राजकीय बाल गृह में रखकर सभी सुविधाएं सरकार केंद्र व अपने स्‍तर से उपलब्‍ध कराएगी. बालिकाओं के विवाह तक के साथ सरकार बच्‍चों को हर वह उन्‍नत टैक्‍नोलॉजी, जिसमें उनकी रुचि है और वे उसमें ज्ञान प्राप्‍त करना चाहते हैं, उसके लिए जरूरी संसाधन प्रदान करेगी.