नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने मौजूदा वर्षवार कक्षाओं और दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं (Borad Exams) के बजाय बहुवर्षीय स्टेज अनुसार कक्षाओं और हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल एसेसमेंट की प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया है. श्री सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) के वक्तव्य पर सहमति जताते हुए कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy) की बड़ी भूमिका होगी, लेकिन यह परिवर्तन टुकड़ों में नहीं, बल्कि समग्र होना चाहिए.
श्री सिसोदिया ने आज एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 57 वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. इस ऑनलाइन बैठक में मौजूद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अधिकारियों को श्री सिसोदिया के सुझावों पर विचार का निर्देश दिया. बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
श्री सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से सहमति जताते हुए उनकी कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बड़ी भूमिका होगी. हमें इस परिवर्तन को टुकड़े में नहीं बल्कि व्यापक रूप में करना होगा. नई शिक्षा नीति में प्रस्तावित चार स्टेज यानी 5+3+3+4 को सही मायने में लागू करना चाहिए. इसके तहत एक साल एक क्लास का सिस्टम खत्म करके बहुवर्षीय स्टेज सिस्टम लागू करना चाहिए. इससे बच्चे अपनी गति से विभिन्न विषयों में अपनी जरूरत के अनुसार आगे बढ़ सकेंगे. यह भी पढ़ें: ISRO Competition: इसरो प्रतियोगिता के टॉपरों से मिले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, बोले- दिल्ली को अपने बच्चों पर गर्व
उन्होंने कहा कि एक स्टेज से दूसरे स्टेज में जाने के बाद अगर कुछ बच्चे उस लेवल के अनुरूप लर्निंग आउटकम प्राप्त नहीं कर पाए हों, तो उसे पूरा करने के लिए कुछ महीनों की रेमेडियल क्लासेज भी लगाई जा सकती है.
श्री सिसोदिया ने कहा कि 5+3+3+4 के चार स्टेज में सिर्फ चौथे स्टेज में बोर्ड परीक्षाएं होने से पहले के तीनों स्टेज का महत्व कम होने की आशंका रहेगी। इसलिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा समाप्त की जानी चाहिए और उसकी जगह हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल असेसमेंट होना चाहिए.
चूंकि उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराने का प्रावधान है, इसलिए बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं के अंक का कोई महत्व नहीं रह जाता है. इस आलोक में श्री सिसोदिया ने बारहवीं की परीक्षाओं में अंक सिस्टम तथा सिंगल हाई स्टेक परीक्षा के दायरे से बाहर निकालने का सुझाव दिया.
वर्तमान शैक्षिक सत्र के बारे में बोलते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि एनसीईआरटी नें इस साल कोरोना के कारण सिलेबस एक तिहाई कर दिया है, लेकिन जब स्कूल अब तक बंद होने की वजह से सिलेबस को इस साल की लिए आधा करना चाहिए. श्री सिसोदिया ने बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं तथा विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में आधे सिलेबस को आधार बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि अगले साल जेईई, नीट जैसी प्रवेश परीक्षाएं कम सिलेबस पर आधारित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं सामान्यतः फरवरी मार्च में होती है, लेकिन कोरोना संकट के कारण 2021 में मई माह से पहले परीक्षाएं न कराई जाएं ताकि बच्चों को तैयारी का अवसर मिल सके. यह भी पढ़ें: दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण, कहा- दुनिया में भारत का नाम रौशन करेगी ये यूनिवर्सिटी
श्री सिसोदिया ने कोरोना संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए देश भर के शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत के असली हीरो शिक्षक हैं. दिल्ली में हमारे शिक्षकों ने राहत कार्यों का नेतृत्व किया और सेमी ऑनलाइन शिक्षा हेतु छात्रों को तलाश कर उनको शिक्षा से जोड़े रखा. श्री सिसोदिया ने ऐसे शिक्षकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की जिनके कारण बच्चों की शिक्षा का नुकसान कम करना संभव हो सका.