मुंबई, 2 सितंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दलील दी है कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने कथित तौर पर अपने निजी लोन को चुकाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण से लगभग 9.50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी. नरेश गोयल को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया गया था.
शनिवार को एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष नरेश गोयल को पेश करते हुए ईडी ने कहा कि उनकी बेटी नम्रता गोयल के प्रोडक्शन हाउस को भी वेतन और अन्य प्रतिबद्धताओं का भुगतान करने के लिए जेट एयरवेज के खातों से पैसे मिले थे. Naresh Goyal Arrest: 538 करोड़ के केनरा बैंक घोटाले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को ED ने किया गिरफ्तार
इससे पहले शुक्रवार को ईडी ने नरेश गोयल के घर पर छापा मारा था. उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. देर रात उन्हें 2011 और 2019 के बीच 538 करोड़ रुपये के केनरा बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़े कथित मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला केनरा बैंक के साथ कथित धोखाधड़ी के संबंध में नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और अन्य के खिलाफ दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर से सामने आया है.
केनरा बैंक ने शिकायत की थी कि उसने नरेश गोयल की जेट एयरवेज को 849 करोड़ रुपये का ऋण और क्रेडिट सीमा दी थी, जिसमें से 538 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था. इसे जुलाई 2021 में धोखाधड़ी घोषित कर दिया गया था.
जांच से यह भी पता चला कि नरेश गोयल परिवार के निजी और व्यक्तिगत खर्चों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान एयरलाइन खातों से किया गया था. जेट एयरवेज लिमिटेड ने ऋण, अग्रिम और निवेश की जेट लाइट के माध्यम से हेराफेरी की थी.
जिक्र कर दें कि एक समय जेट एयरवेज ने लगभग 25 वर्षों तक आसमान पर राज किया था. लेकिन, जेट एयरवेज वित्तीय समस्याओं और भारी घाटे के कारण अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी.