रिलायंस फाउंडेशन का 'अन्न सेवा' विश्व स्तर पर सबसे बड़ी पहल बनने के लिए तैयार, 68 जिलों में 2.22 करोड़ का बांट चुके हैं भोजन
नीता अंबानी (Photo Credits : Instagram)

रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation) का 'अन्न सेवा' (Anna Seva) एक कार्पोरेट फाउंडेशन द्वारा संचालित विश्व स्तर पर सबसे बड़ी पहल बनने के लिए तैयार है. रिलायंस फाउंडेशन ने अपने भोजन वितरण कार्यक्रम 'मिशन अन्न सेवा' (Mission Anna Seva) में, भारत भर में हाशिए पर रह रहे लोगों के बीच 3 करोड़ से अधिक भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 68 जिलों में 2.22 करोड़ भोजन पहले ही बांटे जा चुके हैं.

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी (Nita Ambani) ने सोमवार को दो लाख से अधिक रिलायंस सहयोगियों को लिखे एक पत्र में कहा, "कोविड-19 (Covid-19) दुनिया, भारत और मानवता के लिए एक भयानक महामारी है. जो रोज कमाते- खाते हैं ऐसे दिहाड़ी मजदूरों के लिए दिल दुख से भर जाता है. वे भी हमारे परिवार के सदस्य हैं - हमारे अपने भारत परिवार के. इसीलिए, रिलायंस फाउंडेशन ने मिशन अन्न सेवा शुरू की है - जरूरतमंद भारतीयों को भोजन कराना हमारा संकल्प है.

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस के दौरान बेहतर प्रतिक्रिया देने वाली कंपनियों की सूची में रिलायंस का नाम भी

मिशन अन्न सेवा के माध्यम से, हम पूरे देश में हाशिए पर रह रहे लोगों और कोरोना से लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स को 3 करोड़ से अधिक भोजन प्रदान करेंगे. यह दुनिया में कहीं भी एक कॉर्पोरेट फाउंडेशन द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम होगा." कार्यक्रम के तहत, रिलायंस फाउंडेशन परिवारों को पका हुआ भोजन, रेडी-टू-इट फूड पैकेट और ड्राई राशन-किट और सामुदायिक रसोई के लिए थोक राशन प्रदान कर रहा है.

कार्यक्रम के लाभार्थियों में दिहाड़ी मजदूर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, शहरी सेवा प्रदाता, कारखाने के कर्मचारी और वृद्धाश्रम और अनाथालयों के निवासी शामिल हैं. जूनियर मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और सुरक्षा बलों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी भोजन दिया जा रहा है. कुछ स्थानों पर रिलायंस फाउंडेशन फूड-टोकन भी बांट रहा है, जिसे रिलायंस रिटेल आउटलेट्स जैसे रिलायंस फ्रेश, रिलायंस स्मार्ट सुपरस्टोर, रिलायंस स्मार्ट पॉइंट और सहकारी भंडार में भुनाया जा सकता है.

मुंबई, सिलवासा, वड़ोदरा, पातालगंगा, हजीरा, झज्जर, शहडोल, जामनगर, दाहेज, बाराबंकी, नागोठाने, गडीमोगा और होशियारपुर जैसे रिलायंस साइटों के कर्मचारी अपने-अपने स्थानों पर गरीब समुदायों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा के कुछ रिलायंस पेट्रोल पंपों पर स्टाफ के सदस्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले ट्रक ड्राइवरों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.

रिलायंस फाउंडेशन 70 से अधिक भागीदारों को राहत किट और थोक राशन की आपूर्ति कर रहा है, जो अपने-अपने स्थानों में इसी तरह के भोजन वितरण कार्यक्रमों में लगे हुए हैं. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रिलायंस ने विभिन्न राहत कोषों में 535 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसमें 'पीएम-केयर्स' कोष में दिया 500 करोड़ रुपये शामिल हैं.