पुणे, 25 जुलाई : पुणे के मजिस्ट्रेट ए.सी. बिराजदार ने 11 साल पुराने धोखाधड़ी के एक मामले में मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है. कोथरुड थाने के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
हाल के दिनों में पाटिल के खिलाफ दूसरा गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. यह 2013 में एक ड्रामा प्रोड्यूसर के साथ किये गये करार के उल्लंघन से संबंधित है. वारंट मंगलवार को जरांगे-पाटिल और उनके दो सहयोगियों दत्ता बहिर और अर्जुन जाधव के खिलाफ जारी किया गया. यह भी पढ़ें : Karnataka: बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान महिला की रीड की हड्डी में छोड़ी सर्जिकल सुई, उपभोक्ता फ़ोरम से 20 साल बाद मिला अब न्याय
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जरांगे-पाटिल ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह सरकार द्वारा उन्हें सलाखों के पीछे डालने और जेल में ही मार डालने की साजिश है. उन्होंने अपने समर्थकों से आह्वान किया कि यदि उन्हें जेल भेजा जाता है, तो वे आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान सभी सीटों पर सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने के लिए हरसंभव प्रयास करें.
ताजा मामले में उनके वकील हर्षद निंबालकर ने कहा कि उन्होंने अदालत से वारंट जारी न करने का आग्रह किया है, क्योंकि वह मराठा आंदोलन में व्यस्त हैं और 20 जुलाई से भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया है कि 2 अगस्त को अगली सुनवाई के लिए जरांगे-पाटिल आएंगे. पुणे के एक ड्रामा प्रोड्यूसर धनंजय घोरपड़े ने दावा किया कि 2013 में जरांगे-पाटिल और अन्य आरोपियों ने जालना में अपने मंच नाटक "शंभुराजे" के कई शो आयोजित करने के लिए उन्हें काम पर रखा था.
कम से कम पांच शो आयोजित किए गए और एक अन्य शो के लिए रिहर्सल भी की गई, लेकिन बाद में आरोपी कथित रूप से पीछे हट गए. इस सिलसिले में करार के मुताबिक 30 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था जो नहीं किया गया. जब उनकी दलीलों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो घोरपड़े ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई और कम से कम चार समन जारी किए गए, जिन्हें जरांगे-पाटिल ने नजरअंदाज कर दिया.
इससे पहले भी अदालत ने जरांगे-पाटिल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वह अदालत में पेश हुए, 500 रुपये का जुर्माना भरा और अगली सुनवाई पर उपस्थित होने पर सहमत हुए. इस बीच, जरांगे-पाटिल की आशंकाओं और आरोपों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार का उनके मामले से कोई लेना-देना नहीं है. भाजपा के एक अन्य नेता प्रवीण दारकेकर ने कहा कि मराठा नेता प्रचार और सहानुभूति पाने के लिए जेल जाना चाहते हैं.