Maharashtra Floods: बाढ़, लैंडस्लाइड से महाराष्ट्र में अब तक 164 की मौत, 100 लोग अभी भी लापता
बाढ़ से प्रभावित महाराष्ट्र (Photo: PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र में रायगढ़, रत्नागिरी, कोल्हापुर, सतारा सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और भूस्खलन सहित बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 164 हो गई है, जबकि 100 लोग अभी भी लापता हैं. इसके अलावा कई लोगों के घायल होने की खबर है. भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तटरक्षक बल की टीमें अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में तैनात हैं और राहत और बचाव का कार्य कर रही है. बचाव दल पीड़ितों को भोजन, दवा और अन्य सहायता सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. Maharashtra Flood: महाराष्ट्र सरकार की घोषणा, बाढ़ प्रभावित लोगों को देगी मुफ्त राशन और मिट्टी का तेल.

राज्य सरकार ने सोमवार को नए आंकड़े जारी कर बताया कि महाराष्ट्र में बाढ़ और भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 164 हो गई है. वहीं लापता लोगों की संख्या 100 है.

राज्य सरकार ने बताया कि "बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 2.29 लाख लोगों को निकाला गया है. कुल 164 मौतें हुई हैं और 25,564 जानवरों की मौत हुई है. कुल 56 लोग घायल हुए हैं और 1,028 प्रभावित गांवों में से 100 अभी भी लापता हैं." इसके अलावा, वर्तमान में 259 आश्रयों में 7,832 लोगों का पुनर्वास किया गया है."

NDRF, SDRF सहित राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना 

''रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित चिपलून शहर में पांच राहत शिविर बनाए गए हैं. एनडीआरएफ की 25 टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें, तटरक्षक बल की दो टीमें, नौसेना की पांच टीमें और सेना की तीन टीमें राहत और बचाव अभियान चला रही हैं.'' चिपलून को मुंबई से जोड़ने वाली वशिष्ठी नदी पर बना पुल ढह जाने से सड़क यातायात के लिए बंद है.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए रायगढ़ और रत्नागिरी के लिए दो-दो करोड़ रुपये और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए हैं. केंद्र सरकार ने भी पप्रभावितों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. जहां जल स्तर कम होना शुरू हो गया है और सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है.

इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भीषण बाढ़ के स्थल चिपलून का दौरा किया और निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की. उन्होंने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया. ठाकरे ने कहा कि उन्हें ''दीर्घकालिक राहत के लिए केंद्रीय सहायता'' की आवश्यकता होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि वह सोमवार को पश्चिमी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और नुकसान की सीमा का व्यापक डेटा तैयार किया जाएगा.