लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी की ‘ज्यादतियों’ पर मूक दर्शक बना हुआ है चुनाव आयोग: पी चिदंबरम
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (Photo Credit-IANS )

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को चुनाव आयोग पर भाजपा की ‘ज्यादतियों’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर ‘मूक दर्शक’ बने रहने का आरोप लगाया और कहा कि आयोग देश की जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा. पूर्व केंद्रीय वित्त एवं गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रवाद का जो नारा गढ़ा है, वह राजग सरकार की नाकामियों को छिपाने की चाल है. उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि चुनाव आयोग ने व्यापक तौर पर भारत की जनता की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया है. वह भाजपा की ज्यादतियों, मोदी की बातों और भाजपा द्वारा अथाह धन खर्च किए जाने पर मूक दर्शक बना हुआ है.’’विपक्ष ने हाल ही में चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार सशस्त्र बलों का नाम लेकर आचार संहिता का ढिठाई से उल्लंघन किया है. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री के प्रचार अभियान पर कुछ समय के लिए रोक लगनी चाहिए.

कांग्रेस के मुताबिक वह चुनाव आयोग को 37 ज्ञापन दे चुकी है जिनमें 10 मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘नफरत भरे भाषणों, द्वेषपूर्ण, विभाजनकारी, ध्रुवीकरण करने वालों बयानों’ से जुड़े हैं.

चिदंबरम ने इस इंटरव्यू में लोकसभा चुनाव के बाद संप्रग-3 के सत्ता में आने की संभावनाओं से लेकर कुछ विपक्षी नेताओं के ठिकानों पर आयकर विभाग, सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के हालिया छापों तक विभिन्न सवालों के जवाब दिए. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग प्रत्येक विपक्षी उम्मीदवार के खातों की जानकारी मांग रहा है और उनके छोटे छोटे खर्चों का भी हिसाब ले रहा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में इससे पहले आयकर विभाग, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का इतनी ढिठाई से दुरुपयोग नहीं किया गया. चुनाव के समय तो ऐसा बिल्कुल नहीं किया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 545 लोकसभा क्षेत्र हैं. क्या केवल कुछ क्षेत्रों पर खड़े विपक्षी उम्मीदवारों के पास ही काला धन मिला है. भाजपा के किसी उम्मीदवार के पास काला धन नहीं है? वे कहते हैं कि गुप्त सूचना मिली. गुप्त सूचनाएं केवल विपक्ष के प्रत्याशियों की मिलती हैं. भाजपा के उम्मीदवारों के बारे में कोई गुप्त सूचना नहीं है.’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की हर रैली में खर्च होने वाली भारी भरकम राशि के बारे में क्या कहना है. प्रधानमंत्री की हर रैली में करीब 10 करोड़ रुपये खर्च हो रहा होगा. ये पैसा कहां से आ रहा है? रैलियों के लिए पैसा कौन दे रहा है? इसका क्या हिसाब है?’’चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा द्वारा उठाए गए राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या भाजपा के सत्ता में आने से पहले भारतीय राष्ट्र-विरोधी थे. उन्होंने दावा किया, ‘‘राष्ट्रवाद उनकी नाकामियों को छिपाने का नारा है. हर भारतीय देशभक्त है. किसी देशभक्त को राष्ट्र-विरोधी नहीं कहा जा सकता. भाजपा ने मीडिया के सहारे राष्ट्रवाद के विचार को भुनाया है जिसका कोई मतलब नहीं है. प्रासंगिक प्रश्न केवल यह है कि क्या हर भारतीय पांच साल पहले से ज्यादा खुश है. मेरा कहना है ‘नहीं’. हर भारतीय डर में जी रहा है. महिलाएं, दलित, आदिवासी, पत्रकार, शिक्षाविद सभी डर में जी रहे हैं.’’

आम चुनाव के बाद संप्रग-3 की सरकार बनने की संभावनाओं के प्रश्न पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भाजपा फिर सत्ता में नहीं आ पाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार गैर-भाजपाई होगी. जाहिर तौर पर कांग्रेस और चुनाव पूर्व हुए विपक्षी गठजोड़ बड़ी भूमिका निभाएंगे. अगर चुनाव के बाद और गठबंधन होते हैं तो मुझे लगता है कि संप्रग-3 की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं.’’ चिदंबरम के मुताबिक सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस जैसे समस्त गैर-भाजपा दल स्थिर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाएंगे.