Kolkata: सीआईएसएफ जवान ने अपने साथी की गोली मारकर हत्या की, पुलिस ने किया गिरफ्तार
CISF (Photo Credits: Twitter)

कोलकाता, 6 अगस्त : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के उस जवान को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने अपने साथियों पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थी, जिसमें एक जवान की मौत हो गई थी. पुलिस ने कहा कि उस जवान को पकड़ लिया गया है, जिसने शनिवार शाम अपनी एके-47 राइफल से अंधाधुंध गोलियां चलाईं थीं, जिसमें एक सहयोगी की मौत हो गई थी और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था. पुलिस ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमांडो और अर्धसैनिक बल की संयुक्त टीम द्वारा एक घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद उसे पकड़ लिया गया.

पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व शहर के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने किया था, जो तुरंत एक बुलेट-प्रूफ जैकेट और धातु (मैटल) का हेलमेट पहने, व्यस्त पार्क स्ट्रीट पर भारतीय संग्रहालय में अपराध स्थल पर पहुंचे. मारे गए सीआईएसएफ जवान की पहचान सहायक उप निरीक्षक रंजीत सरोंगी के रूप में हुई है. सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती घायल सीआईएसएफ अधिकारी की पहचान सहायक कमांडेंट रैंक के अधिकारी सुबीर घोष के रूप में हुई है. पुलिस या सीआईएसएफ अधिकारियों ने अभी तक हत्यारे जवान की पहचान का खुलासा नहीं किया है, जिसने अंधाधुंध गालियां चलाई. यह भी पढ़ें : तमिल फिल्म निर्माता के परिसर पर आयकर विभाग की छापेमारी, 200 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला

खबर मिलते ही, कोलकाता पुलिस के कमांडो और सीआईएसएफ के अन्य अधिकारियों और जवानों ने संग्रहालय क्षेत्र को घेर लिया और सैनिक को आत्मसमर्पण करने के लिए कहने के लिए माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया. शहर के एक पुलिस सूत्र ने बताया कि संयुक्त टीम ने सबसे पहले संग्रहालय क्षेत्र में उस इलाके की पहचान की, जहां जवान छिपा हुआ था. इसके बाद पूरे ब्लॉक के बिजली कनेक्शन काट दिए गए. तब कोलकाता पुलिस के एक कमांडो ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे हत्यारे जवान को खुले में बाहर आने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद उसे लड़ाकू बल के कमांडो ने तुरंत बेअसर कर दिया और पकड़ लिया.

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, पुलिस आयुक्त ने कहा कि हत्यारे जवान को हताहतों की संख्या में वृद्धि के बिना पकड़ लिया गया. उन्होंने कहा, "कम से कम 15 राउंड फायरिंग की गई. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उसने अंधाधुंध फायरिंग क्यों की. प्रथम ²ष्टया ऐसा लगता है कि वह मानसिक अवसाद से पीड़ित था." शहर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सौभाग्य से भारतीय संग्रहालय के द्वार आगंतुकों (विजिटर्स) के लिए बंद कर दिए जाने और संग्रहालय के कई कर्मचारियों के चले जाने के बाद गोलीबारी हुई. उन्होंने कहा, "अन्यथा, हताहतों की संख्या बहुत अधिक होती." पिछले तीन महीनों में कोलकाता की सड़क पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा गोली मारने का यह दूसरा मामला है. 10 जून को, व्यस्त पार्क सर्कस में बांग्लादेश उप उच्चायोग की सुरक्षा के लिए तैनात कोलकाता पुलिस के एक सिपाही ने अपनी राइफल से गोली चला दी थी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी. इस घटनाक्रम के बाद उसने आत्महत्या कर ली थी.