
नासिक: शादी के सीजन से पहले सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया है. शनिवार को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 92,455 रुपये (कर सहित) तक पहुंच गई, जबकि शुक्रवार को यह 91,600 रुपये थी. महाराष्ट्र के नासिक और जलगांव के व्यापारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.
जलगांव अपनी शुद्धता और उत्कृष्ट कारीगरी के लिए जाना जाता है. जलगांव के प्रसिद्ध ज्वेलर सुशील बाफना के अनुसार, "सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों, विशेष रूप से अमेरिका की व्यापार नीति से प्रभावित हो रही हैं. आज भी कई लोग सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानते हैं." जलगांव के आभूषण बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित कीमतों पर मिल रहे हैं.
राजेश बेंदाले, जो अपनी बेटी की शादी के लिए आभूषण खरीद रहे थे, ने कहा कि कीमतों में वृद्धि का ज्यादा असर ग्राहकों की खरीदारी पर नहीं पड़ता. उन्होंने कहा, "लोगों को पता है कि सोने की कीमतें भविष्य में और बढ़ेंगी, इसलिए वे निवेश करने से नहीं हिचकिचाते."
सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे आम उपभोक्ता और निवेशक दोनों प्रभावित हो रहे हैं. महंगाई के इस दौर में सोना न केवल एक सुरक्षित निवेश बना हुआ है, बल्कि इसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, डॉलर की मजबूती और केंद्रीय बैंकों की नीतियां सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही हैं.
शादी-ब्याह के सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसके दामों में और इजाफा होने की संभावना रहती है. भारत में सोने को शुभ माना जाता है और पारंपरिक रूप से इसे निवेश और आभूषण दोनों रूपों में खरीदा जाता है. जलगांव जैसे प्रमुख बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बनी हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद सोने की मांग बनी रहेगी.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल जारी रही तो सोने की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है. डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का भी इस पर असर पड़ सकता है. ऐसे में निवेशकों और खरीदारों को सोने के बाजार पर नजर बनाए रखनी चाहिए ताकि सही समय पर निर्णय लिया जा सके.