ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को क्या मिलता है? जानें अग्निपथ योजना की खास बातें

अग्निपथ योजना के तहत चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर सैनिकों की भर्ती की जाती है, और उनकी सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाती है. सरकार ने इस योजना के तहत सेवा निधि फंड से लेकर, विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में मुआवजा देने तक कई प्रावधान किए हैं ताकि अग्निवीरों और उनके परिवारों को आर्थिक सहारा मिल सके.

सेवा निधि फंड: नौकरी के बाद एकमुश्त भुगतान

अग्निवीरों की सैलरी का हिस्सा हर महीने सेवा निधि फंड में जमा किया जाता है. इसके साथ ही सरकार भी हर महीने उतनी ही राशि का योगदान करती है. चार साल की नौकरी पूरी होने पर यह पूरी रकम एकमुश्त दोगुनी करके अग्निवीर को दी जाती है. इस फंड से करीब 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है. यह राशि अग्निवीरों को उनके भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जाती है.

ऑन ड्यूटी जान गई तो परिवार को क्या मिलेगा?

अगर किसी अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान जान चली जाती है, तो उसके परिवार को कई तरह के आर्थिक लाभ प्रदान किए जाते हैं ताकि वे किसी तरह की कठिनाई का सामना न करें.

  • 48 लाख रुपये का बीमा कवर
  • 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि
  • चार साल के कार्यकाल में बचे हुए समय की पूरी सैलरी
  • सेवा निधि फंड की जमा राशि (जिसमें सरकार का भी योगदान शामिल है)

यह मुआवजा योजना सुनिश्चित करती है कि अग्निवीर का परिवार भविष्य में किसी प्रकार की आर्थिक असुरक्षा का शिकार न हो.

ड्यूटी के दौरान विकलांगता पर मुआवजा

अगर किसी अग्निवीर को ड्यूटी के दौरान गंभीर चोट लगती है और वह विकलांग हो जाता है, तो विकलांगता के स्तर के आधार पर मुआवजा राशि दी जाती है:

  • 100% विकलांगता: 44 लाख रुपये
  • 75% विकलांगता: 25 लाख रुपये
  • 50% विकलांगता: 15 लाख रुपये

इसके अलावा, विकलांगता के बावजूद अग्निवीर को चार साल की पूरी सैलरी, सेवा निधि फंड की जमा राशि, और सरकार की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाती है. यह प्रावधान उन सैनिकों के लिए बनाया गया है जो ड्यूटी के दौरान किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

अग्निपथ योजना का महत्व और निष्कर्ष

अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा का भरोसा मिलता है. यह योजना न केवल युवाओं को देशसेवा का अवसर देती है, बल्कि उनकी सेवा समाप्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराती है.

मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में दिए जाने वाले मुआवजे से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी सैनिक का त्याग व्यर्थ न जाए और उसके परिवार को भविष्य में किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े.

इस तरह, अग्निवीर योजना केवल एक रोजगार योजना नहीं है, बल्कि यह सैनिकों के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है.