7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कब बढ़ेगा महंगाई भत्ता?

कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न हुए वित्तीय तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों (Pensioner) को इस साल महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी नहीं देने का फैसला किया है. हालांकि, मोदी सरकार अगले साल जुलाई महीने में अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है.

रुपया (Photo Credits: PTI)

7th CPC: कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न हुए वित्तीय तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों (Pensioner) को इस साल महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी नहीं देने का फैसला किया है. हालांकि, मोदी सरकार अगले साल जुलाई महीने में अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है. यानि कि अगले साल 30 जून तक महंगाई भत्ते की प्रभावी दर 17 प्रतिशत ही रहेगी.

केंद्र सरकार ने कोरोनो वायरस संकट के मद्देनजर जुलाई 2021 तक अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि को रोक दिया था. इस कदम से वर्तमान में लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 61 लाख पेंशनभोगी प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मौजूदा दर पर डीए का फायदा मिल रहा है. वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा है ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते में एक जनवरी 2020 से मिलने वाली किस्त का भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 में जारी होने वाली डीए की अगली किस्तों का भुगतान भी नहीं करने का निर्णय लिया गया है.’’

ज्ञापन में कहा गया है कि एक जुलाई 2021 के बाद जब भी सरकार महंगाई भत्ते और मंहगाई राहत की अगली किस्त जारी करने का फैसला करेगी, उस समय एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 में प्रभावी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बढ़ी दर को आगे के लिये इसमें समाहित कर दिया जायेगा और एक जुलाई 2021 से उसी बढ़ी दर पर भत्ता दिया जायेगा.

हालांकि, इसमें स्पष्ट किया गया है कि एक जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक की अवधि के लिये महंगाई भत्ते अथवा महंगाई राहत के बकाये का भुगतान नहीं किया जायेगा. केंद्र सरकार के इस कदम से चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी. परिणामस्वरूप राजस्व के संग्रह में आ रही कमी के संकट से जूझने में मदद मिलेगी.

Share Now

\