7th Pay Commission: सर्विस के दौरान मौत होने पर परिवार को कितनी मिलेगी डेथ ग्रैच्युटी?
रुपया (Photo Credits: Wikimedia Commons)

7th CPC Latest News: देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हालांकि कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक हालत से यह अभी मुमकिन नहीं लग रहा है. लेकिन आगामी वर्ष में अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद के साथ सरकारी कर्मचारियों की मांगों पर फैसले की उम्मीद जताई जा रही है. 7th Pay Commission: नए साल से पहले इन कर्मचारियों को मिली बड़ी सौगात, सैलरी में हुआ इजाफा

पिछले कुछ समय में केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुरूप ग्रेच्युटी (Gratuity) के नियमों में बड़े बदलाव किए है. इसी क्रम में हम आपकों डेथ ग्रेच्युटी (Death Gratuity) भुगतान से जुड़ी कुछ बेहद जरुरी बाते बताने जा रहे है. जिसका फायदा कर्मचारियों के परिजनों को मिलता है. ग्रेच्युटी को सरल शब्दों में समझाया जाए तो, इसका मतलब कर्मचारियों की सेवा के बदले सरकार द्वारा साभार जताने हेतु दी गई धनराशी है. ग्रैच्युटी हर कर्मचारी को रिटायर होने या आकस्मिक निधन के बाद मिलती है.

यदि सरकारी कर्मचारी की किसी भी परिस्थिति में मृत्यु सेवा में रहते हुए हो जाती है, तो डेथ ग्रेच्युटी का भुगतान उसके परिवार को किया जाता है. अगर किसी कर्मचारी की सर्विस के एक वर्ष से कम समय में मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को मौजूदा कुल मेहनताना का दो गुना ग्रैच्युटी का फायदा दिया जाता है. वहीं अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी ने एक वर्ष या उससे अधिक लेकिन 5 वर्ष से कम समय तक काम किया है और इस दौरान उसकी मौत होती है तो सैलरी का छह गुना ग्रैच्युटी मिलेगी. जबकि 5 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 20 वर्ष से कम की स्थिति में सैलरी का बारह गुना ग्रैच्युटी मिलती है. अगर कर्मचारी 20 साल या उससे अधिक समय तक कार्यरत रहता है तो उसके परिजनों को सैलरी का अधिकतम 33 गुना डेथ ग्रेच्युटी दिया जाता है.

ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 1972 के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिये कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है. वित्त मंत्रालय ने आयकर कानून, 1961 की धारा 10 (10) (तीन) के तहत ग्रेच्युटी के लिये आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है. सरकारी तथा संगठित क्षेत्र में काम करने वाले तथा ग्रेच्युटी कानून के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के लिये पहले से ही ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख रुपये है.