HUL Chairman: भारत की युवा शक्ति देश की सबसे बड़ी संपत्ति, मजबूत विकास के लिए इनको संवारने की जरूरत

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के अध्यक्ष नितिन परांजपे के अनुसार भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. ऐसे में अगर देश के प्रमुख उद्यम और कंपनियां एक मजबूत मानव पूंजी बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करें तो अपनी विकास यात्रा को और तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है.

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HUL Chairman:  हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के अध्यक्ष नितिन परांजपे के अनुसार भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. ऐसे में अगर देश के प्रमुख उद्यम और कंपनियां एक मजबूत मानव पूंजी बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करें तो अपनी विकास यात्रा को और तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है. नितिन परांजपे के अनुसार भारत की बढ़ती कामकाजी युवा आबादी देश के भविष्य की विकास यात्रा में सबसे बड़ी संपत्ति साबित हो सकती है. इस बढ़ती युवा आबादी के लिए नौकरियां पैदा करने के साथ ही हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारी कामकाजी युवा आबादी रोजगार योग्य भी हो. उन्होंने कंपनी की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमें चार क्षेत्रों पर फोकस करने की जरूरत है.

जिसमें मजबूत मूलभूत शिक्षा का निर्माण, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंच प्रदान करना, पुनः कौशल और अपस्किलिंग पर निरंतर प्रयास और साथ ही अर्थव्यवस्था में इन युवा प्रतिभाओं को बनाए रखना. उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि हम मानव पूंजी के निर्माण में राष्ट्र का एक सूक्ष्म हिस्सा हैं. लेकिन, हमारे छोटे-छोटे प्रयास एक दिन एक बड़ा बदलाव लाएंगे." एचयूएल अध्यक्ष ने रोजगार सृजन में और तेजी लाने को लेकर कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें बड़े पैमाने पर नौकरी सृजित करने वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है और भविष्य में रोजगार सृजन के लिए सेवा क्षेत्र के साथ-साथ एमएसएमई को बढ़ाने पर जोर देना होगा. यह भी पढ़ें :- Paytm Layoffs, Termination: छंटनी से नाराज पेटीएम कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय में की शिकायत, कांग्रेस ने कहा- हम उनके लिए लड़ेंगे

उन्होंने जोर देकर कहा कि ''अधिकांश विकसित देशों में एमएसएमई द्वारा उत्पन्न रोजगार का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है, जबकि भारत में यह लगभग 45 प्रतिशत है. हमें इन क्षेत्रों की क्षमता को आगे बढ़ाना होगा और अधिक समृद्ध भारत के अपने दृष्टिकोण को पूरा करना होगा, जिसमें कोई भी पीछे न रह जाए.'' परांजपे ने कहा, "यह हमारा जनसांख्यिकीय लाभांश है - जिसमें मानव पूंजी सभी पूंजी से ऊपर." उन्होंने देशभर में प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर डाला. 

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