नई दिल्ली, 13 अगस्त: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 अगस्त को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट के पोत 'विंध्यगिरि' का शुभारंभ करेंगी नौसैनिक पोत का नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट का छठवां पोत है. यह भी पढ़े: President Droupadi Murmu To Attend Graduation Parade: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ‘कम्बाइंड ग्रैजुएशन परेड’ में होंगी शामिल
प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के बाद बनाए गए युद्धपोत बेहतर स्टील्थ विशेषता, उन्नत हथियारों और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं नौसेना का कहना है कि तकनीकी रूप से उन्नत पोत 'विंध्यगिरि', अपने पूर्ववर्ती लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट को सम्मान देता है.
पूर्ववर्ती 'विंध्यगिरि' ने 08 जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी 31 साल की सेवा के दौरान कई चुनौतीपूर्ण अभियान और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया था नव-निर्मित 'विंध्यगिरि' भारत के अपने समृद्ध नौसेना इतिहास को अंगीकार करने के दृढ़ संकल्प का प्रतीक होने के साथ-साथ भविष्य में स्वदेशी रक्षा क्षमता को प्रेरित करने को भी दर्शाता है.
प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के अंतर्गत मैसर्स एमडीएल द्वारा कुल चार पोत और मैसर्स जीआरएसई द्वारा तीन पोत निर्माणाधीन हैं परियोजना के पहले पांच पोतों का एमडीएल और जीआरएसई द्वारा 2019-2022 के बीच शुभारंभ किया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि प्रोजेक्ट 17ए पोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेश में ही डिजाइन किया गया है यह सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए एक अग्रणी संगठन है आत्मनिर्भर भारत' की भावना का अनुपालन करते हुए प्रोजेक्ट 17ए पोतों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों से पूर्ण किए गए हैं इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं नौसेना का मानना है कि 'विंध्यगिरि' का शुभारंभ भारत द्वारा आत्मनिर्भर नौसेना निर्माण करने के प्रति अतुलनीय प्रगति का एक प्रमाण है.