India To Decide Future Of Internet: अंतराष्ट्रीय मंच पर भारत की दहाड़, मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा- 820 मिलियन इंटरनेट यूजर तय करेंगे उन्हें कैसा इन्टरनेट चाहिए
Minister Rajeev Chandrasekhar (Photo: Twitter )

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि भारत को इंटरनेट के भविष्य पर अपनी नीति बनाने के लिए किसी अन्य देश या वैश्विक प्रणाली का पालन करने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में 820 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं. भारतीयों के पास यह तय करने का अपना तरीका होना चाहिए कि उन्हें किस प्रकार का इंटरनेट चाहिए.

संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर यूरोपीय जीडीपीआर को गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के लिए एक स्वर्णिम मानक माना जाता है, लेकिन इससे हम सहमत नहीं होना चाहेंगे. 820 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, हमारी वैश्विक इंटरनेट पर सबसे बड़ी उपस्थिति है और हमें अपनी पॉलिसी को आकार देने का अवसर मिलना चाहिए. हम अपने स्वयं की ढांचागत संरचना का निर्माण करेंगे और हमारे लिए उपयुक्त रूपरेखा तैयार करेंगे. श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में यह बात कही. इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री महामहिम उमर सुल्तान अल ओलमा भी उपस्थित थे. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती से सरकारी मशीनरी में हलचल

केंद्रीय मंत्री ने परामर्श के लिए खुले हुए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है. उन्होंने कहा कि हम इसे भारत में और अन्य देशों के साथ साझेदारी में मौजूद नवाचार के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को धीमा करने की कीमत पर बाइनरी के रूप में नहीं देखते हैं. श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार इंटरनेट का कड़ाई से नियमन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार खुले, सुरक्षित, भरोसेमंद तथा जवाबदेह इंटरनेट के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है.

संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

श्री चंद्रशेखर ने भारतीय बाजार का उल्लेख करते हुए कहा कि इंडिया स्टैक ने सरकार और उसके नागरिकों के बीच विश्वास कायम करने में मदद की है. इसने बाधाओं को दूर किया है और लाभार्थियों के लिये सरकारी धन का हस्तांतरण आसान बनाया है. इंडिया स्टैक अन्य देशों के लिए भी अपनाने हेतु खुला है. उन्होंने कहा कि यह वैश्विक दक्षिण या उन देशों के लिए एक अवसर का प्रतिनिधित्व करता है, जो डिजिटलीकरण की सीढ़ी को तेजी से ऊपर चढ़ने के लिए इस दिशा में आने वाले खर्च को उठाने में सक्षम नहीं हैं.

महामहिम उमर सुल्तान अल ओलमा ने इंडिया स्टैक के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने कभी किसी का अनुकरण नहीं किया. भारत ने अपना रास्ता खुद तैयार किया है जिसका कई अन्य देश अनुकरण कर रहे हैं. भारत के आकार का देश एक दशक से भी कम समय में कुछ ऐसा लागू करने में सक्षम था, जो वास्तव में बेहद अविश्वसनीय है.

श्री राजीव चंद्रशेखर ने इससे पहले आईजीएफ में टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि गलत सूचनाओं को हथियार बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साइबर बुलिंग जैसे इंटरनेट उपयोगकर्ता नुकसान के मुद्दों का हवाला देते हुए डिजिटल इंडिया अधिनियम द्वारा लागू किया जाएगा जो आईटी अधिनियम का स्थान लेगा.

उन्होंने कहा कि डिजिटल क्लाउड के प्रसार और इंटरनेट की सीमाहीन प्रकृति को देखते हुए भौगोलिक सीमाओं के पार डेटा प्रवाह लगभग एक जैसा है. हम विश्वसनीय भौगोलिक क्षेत्रों या 'ट्रस्ट कॉरिडोर' की पहचान करेंगे जहां डेटा को संग्रहीत और संसाधित किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी भारतीयों का डेटा सुरक्षित है.