Illegal Property Cases: अवैध संपत्ति मामले में पूर्व सांसद की जनहित याचिका पर मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को हाई कोर्ट का नोटिस

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को पूर्व सांसद चेगनोदी हरिराम जोगैया द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देने की मांग की गई है.

YS Jagan Mohan Reddy Photo Credits: IANS

हैदराबाद, 8 नवंबर : तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को पूर्व सांसद चेगनोदी हरिराम जोगैया द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देने की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एन. वी. श्रवण कुमार ने याचिका को जनहित याचिका (पीआईएल) मानने पर अदालत रजिस्ट्री द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर सुनवाई की. जोगैया द्वारा अपनी याचिका में किए गए बदलावों को ध्यान में रखते हुए, पीठ इसे जनहित याचिका के रूप में मानने पर सहमत हुई.

याचिकाकर्ता के वकील पॉलीशेट्टी राधाकृष्ण द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए अदालत ने रजिस्ट्री को याचिका को एक नंबर आवंटित करने का निर्देश दिया. पूर्व सांसद ने जून में याचिका दायर कर मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देने की मांग की थी. उन्होंने 2024 में होने वाले आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मामले को सुलझाने के निर्देश देने की मांग की. हालांकि, कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई और याचिकाकर्ता से अपनी याचिका में संशोधन करने को कहा. खंडपीठ ने जगनमोहन रेड्डी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सीबीआई अदालत को नोटिस देने का आदेश दिया. यह भी पढ़ें : मुफ्त राशन योजना को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग से शिकायत करना चाहती है : मोदी

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्‍ताह आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई को हैदराबाद के बाहर, अधिमानतः दिल्ली में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई और जगनमोहन रेड्डी को नोटिस जारी किया था. यह याचिका जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के बागी सांसद रघु रामकृष्ण राजू ने दायर की थी. सांसद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे निष्क्रिय रहें और कोई सार्थक कदम न उठाया जाए.

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