हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म: 4 नाबालिगों की जमानत याचिका खारिज
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

हैदराबाद, 23 जून : किशोर न्याय बोर्ड ने बुधवार को जुबली हिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामले में चार नाबालिगों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. बोर्ड पुलिस के इस तर्क से सहमत था कि अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए. चारों नाबालिगों के वकील ने जमानत याचिकाओं के समर्थन में अपनी दलीलें पेश की थीं. पुलिस ने उसी का प्रतिवाद करते हुए कहा कि चूंकि मामला जांच के चरण में है, अगर नाबालिगों को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं.

अदालत को यह भी बताया गया कि नाबालिगों के माता-पिता, जो समाज में प्रभावशाली पदों पर हैं, जांच में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं. पांचवें नाबालिग की ओर से जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है. इस महीने की शुरुआत में जुबली हिल्स में 28 मई को एक कार में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में एक मेजर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. यह भी पढ़ें : UP में मुवक्किल की पत्नी पर वकील की बहन को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज

उन्होंने एक बार में पार्टी करने के बाद पीड़िता को फंसाया था और लिफ्ट देने के बाद उसका यौन शोषण किया. सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता के बेटे सहित पांच आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है, जबकि छठे आरोपी, जो मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के विधायक का बेटा है, छेड़छाड़ के आरोपों का सामना कर रहा है. पुलिस ने पिछले सप्ताह आरोपियों से उनकी हिरासत में पूछताछ की और दृश्य पुनर्निर्माण किया.

सामूहिक दुष्कर्म में शामिल पांच आरोपियों का शक्ति परीक्षण कराया गया. परीक्षण ने स्थापित किया कि वे यौन कृत्यों में शामिल होने में सक्षम हैं या नहीं. सउद्दीन मलिक और चार नाबालिगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 323 (चोट पहुंचाना), धारा 5 (जी) (बच्चे पर सामूहिक प्रवेश यौन हमला) और बच्चों के संरक्षण की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यौन अपराध (पॉक्सो) अधिनियम, 366 (एक महिला का अपहरण) और 366 ए (एक नाबालिग लड़की की खरीद) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 से.

पुलिस का कहना है कि आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा या मौत तक आजीवन कारावास या मौत की सजा भी हो सकती है. छठा नाबालिग दुष्कर्म में शामिल नहीं था, लेकिन उसने कार में पीड़िता को किस किया. उस पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 323 और पोक्सो अधिनियम की धारा 9 (जी) के तहत 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसे 5-7 साल की कैद हो सकती है.