H3N2 फ्लू अलर्ट: दिल्ली में हर 10 में से 7 परिवार बीमार, तेजी से फैल रहा वायरल बुखार, जानें इसके लक्षण, बचाव और इलाज

दिल्ली-एनसीआर में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं, एक सर्वे के मुताबिक करीब 69% परिवार इससे प्रभावित हैं. इस बार का फ्लू सामान्य से ज्यादा गंभीर है, जिसमें तेज और लंबा चलने वाला बुखार, खांसी और बदन दर्द मुख्य लक्षण हैं. बचाव के लिए साफ-सफाई, मास्क और लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी है.

दिल्ली-एनसीआर में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. (Photo Credits: X )

H3N2 Influenza Viru in Delhi-NCR: पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली और आसपास के इलाकों (NCR) में वायरल बुखार और खांसी-जुकाम के मामले तेजी से बढ़े हैं. लोकलसर्किल्स (LocalCircles) नाम की एक संस्था ने 11,000 से ज्यादा घरों का सर्वे किया, जिसमें एक चौंकाने वाली बात सामने आई. सर्वे के मुताबिक, 69% परिवारों में कम से कम एक सदस्य को बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हैं.

यह आंकड़ा इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इसी साल मार्च 2025 में लगभग 54% घरों में ऐसे मामले थे. यानी अब स्थिति पहले से कहीं ज्यादा गंभीर हो गई है. डॉक्टर और वायरस के जानकार इसके पीछे इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H3N2 सबटाइप को मुख्य वजह बता रहे हैं. इस बार की बीमारी में एक अलग बात यह देखी जा रही है कि यह सामान्य मौसमी फ्लू से ज्यादा गंभीर है. लोगों का बुखार लंबे समय तक चल रहा है, आम दवाएं कम असर कर रही हैं, और खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ रही है.

दिल्ली की घनी आबादी, लोगों में पहले से मौजूद बीमारियां (जैसे डायबिटीज, सांस की तकलीफ, दिल की बीमारी) और लंबे समय तक चले मानसून ने वायरस को फैलने में और मदद की है. यह एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है. इससे पहले कि हालात और बिगड़ें, सही जानकारी, बचाव और देखभाल से हम इस पर काबू पा सकते हैं. तो चलिए, इसके बारे में सब कुछ जानते हैं.


H3N2 वायरस आखिर है क्या?

H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस का ही एक प्रकार है. इन्फ्लूएंजा वायरस को उनकी सतह पर मौजूद प्रोटीन के आधार पर बांटा जाता है - हीमाग्लगुटिनिन ("H") और न्यूरामिनीडेज ("N"). तो, H3N2 का मतलब है टाइप-3 H और टाइप-2 N प्रोटीन वाला वायरस. यह उन वायरसों में से एक है जो हर साल मौसमी फ्लू (seasonal flu) फैलाते हैं. इसका मतलब है कि यह इंसानों के बीच घूमता रहता है, समय के साथ खुद को बदलता है और हर मौसम में इसका असर कम या ज्यादा हो सकता है.

यह वायरस कुछ लोगों में ज्यादा गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है, जिन्हें हाई-रिस्क ग्रुप कहा जाता है:


H3N2, कोविड-19 और सामान्य सर्दी-जुकाम में क्या अंतर है?

ये तीनों ही वायरल इन्फेक्शन हैं, लेकिन इनमें कुछ बड़े अंतर हैं. आइए समझते हैं:


इन लक्षणों पर रखें खास नजर

H3N2 फ्लू के कुछ लक्षण नीचे दिए गए हैं, जिनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है:

चेतावनी के संकेत जिन पर तुरंत डॉक्टरी मदद चाहिए


बचाव के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं?

किसी भी वायरल इन्फेक्शन की तरह, H3N2 फ्लू से बचने के लिए भी कुछ बातों का सख्ती से पालन करना चाहिए:


डॉक्टर के पास कब जाएं और इलाज क्या है?

आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए अगर:

इलाज के विकल्प:

घर पर देखभाल के टिप्स:

संक्षेप में, दिल्ली-एनसीआर में H3N2 इन्फ्लूएंजा ए के कारण वायरल बीमारियों का यह उछाल हम सभी के लिए एक चेतावनी है. जब लगभग 10 में से 7 घर प्रभावित हैं, तो बचाव के उपाय करना, जल्दी डॉक्टरी सलाह लेना और जिम्मेदारी से देखभाल करना बहुत जरूरी है. हालांकि ज्यादातर लोग आराम से ठीक हो जाएंगे, लेकिन हाई-रिस्क वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना होगा. जागरूक रहना, सावधानी बरतना और सही समय पर कदम उठाना ही इस मौसमी खतरे से बचने का सबसे बड़ा हथियार है.

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