![France Terror Attack: नीस हमले को लेकर जहर उगलने वाले AMU छात्रनेता फरहान जुबैरी पर केस दर्ज, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी France Terror Attack: नीस हमले को लेकर जहर उगलने वाले AMU छात्रनेता फरहान जुबैरी पर केस दर्ज, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/11/10-Farhan-Zuberi-380x214.jpg)
लखनऊ: पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून को लेकर फ्रांस (France) के खिलाफ मुस्लिम जगत में आक्रोश बरकरार है. इस बीच भारत में कई नेता इस मुद्दे पर भड़काऊ बयान देकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं. इसी क्रम में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्रनेता फरहान जुबैरी (Farhan Zuberi) भी है. हाल ही में उन्होंने एक प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भड़काऊ बयान दिया था. जिसके बाद यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने एएमयू छात्रनेता फरहान जुबैरी को तत्काल गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. 29 अक्टूबर को फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के खिलाफ आपत्तिजनक बात कहने के बाद से ही जुबैरी फरार है. उनकी गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की कईटाइम छापेमारी कर रही है.
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— Farhan Zuberi (@FarhanZuberi1) October 29, 2020
एएमयू स्टूडेंट यूनियन का पदाधिकारी रह चुके फरहान जुबैरी ने प्रदर्शनकारी छात्रों से कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून पूरी दुनियाभर के मुसलमानों को भड़काने की नौ साल से चली आ रही कोशिश है. किसी भी धर्म का मानने वाला व्यक्ति अपने पैगंबर का ऐसा अपमान कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता. अगर उनके पैगंबर हजरत मोहम्मद के खिलाफ कोई गुस्ताखी भरी हरकत करेगा तो हम उसका सिर कलम कर देंगे.
फरहान ने आगे कहा, ‘‘हम सभी फ्रांस निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करेंगे और अपने प्रदर्शन को और तेज करेंगे क्योंकि ऐसे मुद्दे पर अपना गुस्सा और नाराजगी जाहिर करने का यह सबसे बेहतर रास्ता है.’’ वर्तमान में फरहान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) से जुड़े है.
उल्लेखनीय है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के रुख से मुलिम समुदाय नाराज है. दुनियाभर के मुस्लिम राजनेताओं, धार्मिक विद्वानों और लोगों ने फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद साहब पर कार्टून के प्रकाशन की निंदा की है और इसे इस्लाम के लिए अपवित्र और अपमानजनक बताया. वहीं दूसरी ओर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दुनियाभर के मुसलमानों को उनकी बात समझने का संदेश देने की कोशिश की. राष्ट्रपति मैक्रों ने कतर के अरबी टीवी स्टेशन अल-जजीरा के साथ साक्षात्कार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का भी बचाव किया.
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि मीडिया में उनके शब्दों का कुछ गलत अनुवाद किया गया जिसमें पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के प्रकाशन का उन्हें समर्थन करते हुए दिखाया गया. उन्होंने कहा ‘‘मैंने कभी ऐसा नहीं कहा.’’ लेकिन इन कार्टूनों के कारण हिंसा करना सही नहीं है.
इस कार्टून विवाद के बाद ही फ्रांस के नीस (Nice) शहर में गुरुवार को एक चर्च पर इस्लामिक चरमपंथी हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की जान चली गई थी. जबकि आरोपी हमलावर इब्राहिम ईसाओई पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे ‘‘इस्लामी आतंकवादी हमला’’ कहा था.