मेरी सरकार ने कृषि कानून बनाने से पहले हर बात का रखा ध्यान- संसद में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने बजट सत्र (Budget Session 2021) के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए पिछले एक साल के दौरान केंद्र सरकार की ओर से किए गए कई कार्यों का उल्लेख किया. इस दौरान कृषि कानूनों (Farm Laws) पर उन्होंने कहा “मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है.” बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.” अपने निर्णयों से सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण पेश किया: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी को प्रदर्शनारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं.’’

राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा, ‘‘इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.’’

कोविंद ने कहा, ‘‘ मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.’’ उन्होंने यह भी बताया, ‘‘कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है.’’

उल्लेखनीय है कि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत करीब 20 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.