Export में आया 25 फीसदी का जबरदस्त उछाल, जनवरी में पेट्रोलियम और रत्न-आभूषण सेक्टर ने दिखाया दम
जीडीपी I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कोविड-19 (COVID-19) महामारी के दौर में भी भारत के निर्यात (Export) में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है. जनवरी में इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात 25.28 प्रतिशत बढ़कर 34.50 अरब डॉलर हो गया. वाणिज्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, हालांकि माह के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 17.42 अरब डॉलर पहुंच गया. आलोच्य महीने में आयात 23.54 प्रतिशत बढ़कर 51.93 अरब डॉलर रहा. खेती के कम कामकाज वाले दिनों में टमाटर, प्याज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की जरूरत: समीक्षा

मंत्रालय के अनुसार, कुल मिलाकर निर्यात चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 माह (अप्रैल-फरवरी) के दौरान 46.73 प्रतिशत बढ़कर 335.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. एक साल पहले इसी अवधि में यह 228.92 अरब डॉलर था. आलोच्य अवधि में आयात 62.65 प्रतिशत बढ़कर 495.75 अरब डॉलर रहा. वहीं व्यापार घाटा 159.87 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 75.87 अरब डॉलर था.

उल्लेखनीय है कि भारत का वस्तु व्यापार जनवरी 2022 में 23.69 प्रतिशत बढ़कर जनवरी 2021 के 27.54 बिलियन डॉलर की तुलना में 34.06 बिलियन डॉलर हो गया, जनवरी 2020 के 25.85 बिलियन डॉलर की तुलना में इसने 31.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई.

भारत का वस्तु व्यापार 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में 46.53 प्रतिशत बढ़ा और यह 2020-21 (अप्रैल-जनवरी) के 228.9 बिलियन डॉलर की तुलना में 335.44 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, 2019-20 (अप्रैल-जनवरी) के 264.13 बिलियन डॉलर की तुलना में इसमें 27.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई.

सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के सक्रिय कदम उठाती रही है. विशेष रूप से महामारी के दौरान निर्यात क्षेत्र के सामने आने वाली कई प्रकार की बाधाओं, रूकावटों एवं व्यावधानों को दूर करने में सहायता करने के लिए एक निर्यात निगरानी डेस्क का गठन किया गया है.  अप्रचलित एवं पुराने पड़ चुके प्रावधानों को दूर करने के लिए वाणिज्य विभाग के तहत विभिन्न अधिनियमों की समीक्षा की जा रही है.

विभिन्न द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को बड़े उत्साह के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है. सरकार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी पहलों के माध्यम से भारत के प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रतिबद्ध है. प्रथम एवं अंतिम मील कनेक्टिविटी मुद्दों के समाधान के लिए पेलोड ढोने वाले ड्रोन के उपयोग जैसे नवोन्मेषी उपाय किए जा रहे हैं. विवेकीकरण तथा गैरअपराधीकरण के जरिये अनुपालन बोझ में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं तथा व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए कई प्रकार की पहल की जा रही है. विभिन्न निर्यातक केंद्रित योजनाओें के माध्यम से भी निर्यातकों की सहायता की जा रही है.

सरकार एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार लाने के लिए भारतीय निर्यातों की ब्रांडिंग के मूल्य को बढ़ाने पर भी कार्य कर रही है और देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ने के लिए कई सक्रिय कदम उठाये जा रहे है. जबकि निर्यातकों को लाईसेंसिंग प्रदान करने तथा उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए उन्हें एक आईटी आधारित प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराने का कार्य प्रगति पर है.