नई दिल्ली, 10 सितंबर : भारत में बिजली की अधिकतम मांग अगस्त महीने में घटकर 217 गीगावाट रह जाने का अनुमान है, जो एक साल पहले 238 गीगावाट थी. मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिसर्च एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अगस्त में बिजली की मांग सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत गिरकर 144 बिलियन यूनिट्स (बीयू) रह गई है. बिजली की मांग में कमी ऐसे समय पर देखने को मिल रही है, जब अगस्त में औसत से 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है.
बीते महीने जुलाई में बिजली की मांग में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली थी. अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान सालाना आधार पर बिजली की मांग में 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. अगस्त 2024 में बिजली का अनुमानित उत्पादन 155 बीयू का रहा है. इसमें सालाना आधार पर 3 प्रतिशत की गिरावट हुई है. इसके अलावा कोयला और रिन्यूएबल एनर्जी में क्रमश: 3 और 13 प्रतिशत की गिरावट हुई है. यह भी पढ़ें : भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए आप सरकार को गिराने की साजिश कर रही: आतिशी
हालांकि, बारिश अच्छी होने के कारण हाइड्रोपावर जनरेशन में 7.6 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है. बारिश कम होने के कारण इससे पहले दो महीने लगातार हाइड्रोपावर उत्पादन में कमी हुई थी. रिपोर्ट में आगे बताया गया, "बिजली की मांग में नरमी पूरे भारत में देखने को मिली है. उत्तर और पश्चिम भारत में सालाना आधार पर बिजली की मांग क्रमश: 10 प्रतिशत और 6 प्रतिशत कम हुई है."
दक्षिण पश्चिम मानसून अगस्त में देश के सभी हिस्सों में पहुंच गया. इसके कारण 31 बांधों में जलस्तर बढ़ गया. इससे हाइड्रोपावर उत्पादन में एक प्रतिशत की बढ़त हुई है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वित्त वर्ष 25 में बिजली की मांग 6.5 से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है. इसकी वजह मौसम में आने वाला बदलाव है, जिसमें पहली तिमाही की हीटवेव और उत्तर भारत में जुलाई में हुई कम बारिश शामिल है.