वोटर्स को पता है कौन गुमराह कर रहा है, उन्हें कम मत समझिये... जानें दिल्ली हाई कोर्ट ने क्यों की ऐसी टिप्पणी
Delhi High Court | PTI

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय को शिकायत दर्ज करने और इन राजनेताओं के खिलाफ नुकसान पहुंचाने के इरादे से कथित रूप से भ्रामक और झूठे बयान देने के लिए मुकदमा चलाने की अपील की गई थी. HC on Illicit Relationship: तलाक के बिना लिव-इन में नहीं रह सकते विवाहित, पुनर्विवाह की भी इजाजत नहीं.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट में इस याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले सुरजीत सिंह यादव ने डाला था, जिसे जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने खारिज कर दिया.

याचिका के मुताबिक, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव ने दावा किया कि सरकार ने बड़े उद्योगपितयों के लगभग 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया गया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि भारतीय मतदाताओं की बुद्धिमत्ता को कम नहीं आंका जा सकता और वे जानते हैं कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है.

कोर्ट ने टिप्पणी की कि देश की जनता भी जानती है कि कौन नेतृत्व कर रहा है और कौन उन्हें गुमराह कर रहा है. कोर्ट ने कहा, “कोई गुमराह करेगा, कोई नेतृत्व करेगा. लोग फैसला लेंगे. भारतीय मतदाताओं को कम मत आंकिए.''

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अगर कोई उद्योगपति या कोई अन्य विपक्षी नेताओं के बयान से परेशान है तो उनके पास अदालत का रुख करने और जरूरी कार्रवाई करने का साधन है. ऐसे में किसी तीसरे पक्ष की ओर से जनहित याचिका की जरूरत नहीं है.