रांची, 28 अगस्त: मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू न किए जाने पर झारखंड के डॉक्टर नाराज हैं राज्य भर के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले रांची में बैठक करने के बाद सरकार से कहा कि इन दोनों प्रस्तावित कानूनों को जिस तरह लटकाया जा रहा है, वह समझ से परे है. यह भी पढ़े: Fire in Hospital: धनबाद में अस्पताल के आवासीय परिसर में लगी भीषण आग, डॉक्टर समेत 5 लोगों की मौत
सरकार इन्हें लागू करने की दिशा में पहल नहीं करती है तो विवश होकर चिकित्सा व्यवस्था ठप करने जैसा आंदोलन करना पड़ सकता है रांची स्थित आईएमए बिल्डिंग में बैठक के बाद आईएमए की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने कहा कि इन दोनों एक्ट को पांच महीने पहले विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेजे जाने के बाद कोई सुगबुगाहट नहीं है राज्य में डॉक्टर्स के लिए काम करने का सुरक्षित माहौल नहीं है सुरक्षा संबंधी कारणों से राज्य में डॉक्टर ज्वाइन नहीं करना चाहते.
आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का जो ड्राफ्ट है, उसमें भी हमने संशोधन की मांग की है एकल डॉक्टरों के क्लीनिक, दंपति डॉक्टरों के क्लीनिक और 50 बेड से कम के अस्पतालों को सीईए के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए ऐसा नहीं होता है एकल डॉक्टर क्लीनिक, दंपति डॉक्टरों के क्लीनिक और 50 बेड से नीचे के अस्पताल अपने प्रतिष्ठान बंद करने के लिए मजबूर होंगे.