MP: धर्म के आधार पर विभाजन भारतीय इतिहास का काला अध्याय: सीएम मोहन यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

भोपाल, 14 अगस्त : मध्य प्रदेश में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के मौके पर बुधवार को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. राजधानी भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभाजन का दर्द सहने वाले नागरिकों को सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभाजन की विभीषिका को 20वीं सदी की सबसे बड़ी दर्दनाक घटना करार देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से इस दिवस को स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाना, विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि है. यह भी पढ़ें : केरल : मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में महिला मॉडल, तीन अन्य गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि देश का विभाजन 20वीं शताब्दी की सबसे दुखद, दुर्दांत घटनाओं में से एक है. इस त्रासदी को शब्दों में व्यक्त करना कठिन काम है. यह ऐसी घटना है, जिस पर लोग बात भी नहीं करना चाहते हैं. इस कष्ट को हम लोग भी जानते हैं. लेकिन, यह भी सच है कि किसी देश को लंबी यात्रा करनी है, आगे बढ़ाना है तो इतिहास की गलतियों से सबक लेना होगा, जो गलतियों से सबक नहीं लेगा, उसका भविष्य खतरे में पड़ेगा. हमारे सामने कई उदाहरण हैं. उनमें से इजरायल एक है.

मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका का जिक्र किया और कहा कि उस समय ट्रेन में कहीं हाथ लटके नजर आते थे तो कहीं लोगों के शव. उस दौर में लाखों लोगों को अपनी कुर्बानी देना पड़ी. महिलाओं और बेटियों के साथ जो हुआ, उसे शब्दों में व्यक्त भी नहीं किया जा सकता. हमारा पंजाब जिस पर सदियों से भारत गर्व करता था, वह दो हिस्सों में बट गया. वह हमारा सिंध, जैसे हम राष्ट्रगान गाते हैं, सिर्फ शब्द रह गया.

ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश को चालाकियों से छला गया है. चालाक लोग अपनी चालाकियों से हमें अपने जाल में फंसाते हैं. पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार आक्रमणकर्ता को छोड़ा है. उसे एक बार मौका मिला तो दोबारा मौका नहीं दिया. उन्होंने इंडोनेशिया की सराहना करते हुए कहा कि देश के नोट पर आज भी गणेश जी की फोटो लगती है, उनकी एयरलाइंस को गरुड़ कहते हैं.