Delhi air pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है, बस कुछ योजनाओं पर गंभीरता से करना है काम: पर्यावरणविद्
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नई दिल्ली, 2 नवंबर : दिल्ली में दीपावली पर हुई आतिशबाजी की वजह से एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच गया. यह इंसानों के लिए खतरनाक स्तर है. इतनी खराब हवा में रहने से आम लोगों को न सिर्फ सांस की बीमारी होने का खतरा हमेशा बना रहता है, इसे कैसे रोका जा सकता है इसे लेकर जाने माने पर्यावरणविद् रोहित कुमार ने आईएएनएस से बात की.

रोहित कुमार राज्य और केन्द्र सरकार की भूमिका को अहम मानते हैं. कहते हैं , “सरकार की भूमिका प्रदूषण नियंत्रण में अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार. इनका एक प्रमुख कार्य है लोगों को जागरूक करना ताकि वे समझ सकें कि उनके छोटे-से कार्यों का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. यह भी पढ़ें : बेअंत हत्याकांड : मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करने की राजोआना की याचिका पर सुनवाई चार नवंबर को

पर्यावरणविद् फिर उन अहम योजनाओं की बात करते हैं जिससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल रही है. कहते हैं, सरकार ने इस दिशा में कई प्रभावी कार्यक्रम लागू किए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ‘क्लीन एयर एक्शन प्लान’ जो सरकार के द्वारा शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर काम कर रहा है. यह योजना शहरों में विशेष रूप से वायु प्रदूषण के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जानकारी एकत्र कर रही है और जरूरी कदम उठा रही है. इसके साथ ही, यह लोगों को भागीदारी के लिए भी प्रेरित कर रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “दूसरा महत्वपूर्ण कार्यक्रम है "नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम" (एनकैप). यह एक उत्कृष्ट पहल है जिसमें हम पीएम स्तर पर 22-30% प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इन कार्यक्रमों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण और नीति की आवश्यकता होती है. सरकार ने इसके लिए कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिससे इन पहलों को प्रोत्साहित किया जा सके. इन योजनाओं के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं. यह संगठन अपने सदस्यों और अन्य हितधारकों, जैसे कि समुदायों और व्यक्तियों को जानकारी प्रदान कर रहा है, ताकि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें.”

रोहित कुमार के मुताबिक, “लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कार्बन क्रेडिट या ग्रीन क्रेडिट के माध्यम से अपने कार्य करें. इससे वे इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेंगे और वायु प्रदूषण एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से दूर रहेंगे.”

लोगों को क्या सतर्कता बरतनी चाहिए इस पर उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले आपको बताना चाहूंगा कि हाल ही में भारत सरकार ने, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, एक जीवन शैली अभियान शुरू किया है. जिसका उद्देश्य यह है कि हम सभी मिलकर अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं. इस अभियान में कई ऐसे उपायों पर ध्यान दिया गया है जिन्हें अपनाकर हम दैनिक गतिविधियों में वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं.

इसके साथ ही, सरकार एक "ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम" भी शुरू कर रही है, जिसका लक्ष्य 'इनडोर एयर पॉल्यूशन' को कम करना है. इस योजना के माध्यम से, हम स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, जैसे कि महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को भी सुधार सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम इन तरीकों को नियमित रूप से अपनाएं, तो हम फॉसिल फ्यूल के उपयोग को कम कर सकते हैं. हमें ओपन बर्निंग को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, निर्माण और निस्तारण के कार्यों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है.”

उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसे बदलाव लाने चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं. यदि हमें लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, तो हमें सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. हमें मास्क का उपयोग करना चाहिए और स्वस्थ भोजन का चयन करना चाहिए. साथ ही, हमें वायु गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए ताकि हमें सांस लेने में कोई परेशानी न हो. अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर, हम सभी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं और एक स्वस्थ समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.”