रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की पीठ ने अवमानना के एक मामले में सुनवाई करते हुए धनबाद के डीडीसी को तलब किया और पूछा कि क्यों नहीं आपके खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मामला चलाया जाए? एक मामले में डीडीसी की जगह कार्यालय सहायक द्वारा शपथ पत्र दाखिल करने पर पीठ ने कड़ी नाराजगी जताई.
अदालत ने पूछा कि कार्यालय सहायक ने किस हैसियत से शपथ पत्र दाखिल किया है? न्यायालय ने इसकी पूरी जानकारी के साथ डीडीसी को 30 अगस्त को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.
धनबाद के लुबी सरकुलर रोड के पास संजय कुमार सिंह ने एक मैरिज हॉल को लीज पर लिया है.
यह भी पढ़ें : रजत शर्मा को हटाने के लिए DDCA निदेशक मंडल के आठ सदस्यों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये
जिला परिषद के सीईओ सह डीडीसी ने लीज नवीकरण से इनकार करते हुए छह मार्च 2018 को मैरिज हॉल खाली करने का आदेश जारी किया, जिसमें 24 घंटे के अंदर हॉल की चाबी परिषद के सहायक अभियंता के यहां जमा करने का निर्देश दिया गया था. संजय कुमार सिंह ने सीईओ के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी.
सुनवाई के बाद 26 मार्च 2018 को न्यायालय ने यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया. इस बीच मैरिज हॉल के बिजली मीटर में शार्ट सर्किट हुआ. सीईओ सह डीडीसी शशि रंजन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए 30 मार्च 2019 को मैरिज हॉल को सील कर दिया.
इसके बाद संजय कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में अवमानना का मामला दाखिल किया जिस पर अदालत ने जिला परिषद और सीईओ से जवाब मांगा था. इसके बाद जिला परिषद के अध्यक्ष रॉबिन चंद्र गोराई ने स्वयं जवाब दाखिल किया, जबकि सीईओ सह डीडीसी की ओर से उनके कार्यालय सहायक ने शपथ पत्र दाखिल कर दिया.