नई दिल्ली, 16 जनवरी : देश में कोरोना की तीसरी लहर के बीच कई परीक्षाएं स्थगित और कुछ परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय 10वीं एवं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर आयोजित करवाने के पक्ष में है. यदि किसी कारणवश परीक्षाएं नहीं ली जा सकीं तो पहले चरण की परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षा के नतीजों की घोषणा की जाएगी. हालांकि परीक्षा रद्द होने की संभावना कम है. फिलहाल विशेषज्ञों का मानना यही है कि कोरोना की तीसरी लहर बीत जाने के उपरांत देशभर में लाखों छात्रों के लिए 10वीं एवं 12वीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. सीबीएसई 10वीं एवं 12वीं कक्षा के टर्म 1 की बोर्ड परीक्षा पहले ही ले चुका है. इस वर्ष मार्च-अप्रैल में बोर्ड के दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित की जानी है.
दूसरे चरण की परीक्षा की अवधि 2 घंटे की होगी और इसमें पूछें जाने वाले सभी प्रश्न सब्जेक्टिव टाइप के होंगे. सीबीएसई के अकादमिक निदेशक डॉ. जोसेफ इमैनुएली ने दसवीं और बारहवीं की टर्म 2 परीक्षा के लिए नमूना प्रश्न पत्र जारी किए हैं. इमैनुएली ने सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे चरण की परीक्षा से संबंधित सैंपल प्रश्न पत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं. यही नहीं सीबीआई ने परीक्षाओं के लिए माकिर्ंग स्कीम भी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गई हैं. सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज पहले ही कह चुके हैं कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि कोविड के कारण दूसरे चरण की परीक्षाएं नहीं हो पाती है तो फिर पहले चरण की बोर्ड परीक्षाओं में हासिल किए गए नंबर ही अंतिम माने जाएंगे और इन्हीं के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा. यह भी पढ़ें : Goa Elections: सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान, बेरोजगारों को मिलेगा 3,000 रुपये का भत्ता
हालांकि यदि ऐसी कोई स्थिति नहीं आती है और दूसरे चरण की परीक्षाएं भी सीबीएसई द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित करा ली गई तो फिर फाइनल रिजल्ट इन दोनों परीक्षाओं के अंक 50 -50 फीसदी के हिसाब से तय किए जाएंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ही 15 से 18 वर्ष की आयु के छात्रों के टीकाकरण पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं ताकि परीक्षा में शामिल होने वाले ये छात्र कोरोना से लड़ाई में प्रतिरोधी शक्ति हासिल कर सकें. सेठ जयपुरिया स्कूल के हेड मास्टर पंकज राठौर ने परीक्षा की तैयारियों और कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि महामारी ने बच्चों को सीखने के हाइब्रिड मोड के लिए अभ्यस्त कर दिया है. स्कूल की आईटी तैयारी हमें मूल्यांकन की पारंपरिक धारणाओं से आगे बढ़ने में मदद करेगी. स्कूलों को स्थिति के साथ बने रहना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छात्र प्रीबोर्ड और बोर्ड के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं.
उनका कहना है कि 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण के बाद इन बच्चों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं की योजना बनाई जा रही है. स्कूल परिसर के भीतर टीकाकरण शिविर बच्चों को घर जैसा महसूस कराने में मदद करेंगे. टीकाकरण के बाद कुछ दिनों तक छात्रों का निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. एक ओर को सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने की तैयारियों में जुटा है. वहीं दूसरी ओर स्वयं शिक्षा मंत्रालय भी छात्रों की परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर सतर्क है. यह भी पढ़ें : Goa Elections: सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान, बेरोजगारों को मिलेगा 3,000 रुपये का भत्ता
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' नामक संवाद कार्यक्रम करने जा रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय भी 'परीक्षा पे चर्चा' को लेकर भी उत्साहित है और इसके लिए अधिक से अधिक छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस वर्ष परीक्षा पे चर्चा नामक इस कार्यक्रम का प्रारूप 2021 की तरह ही ऑनलाइन मोड में रखने का प्रस्ताव है. प्रतिभागियों का चयन करने के लिए 28 दिसंबर से 20 जनवरी 2022 तक पर विभिन्न विषयों पर एक ऑनलाइन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. चयनित विजेताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा. कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाएगा.