Comment Case on Veer Savarkar: वीर सावरकर को लेकर आपत्तिजनक बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट (Photo: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 25 जुलाई : कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर को लेकर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान के मामले में यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है. यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि जांच से राहुल गांधी के बयानों की पुष्टि होती है, जो पूर्व नियोजित तरीके से नफरत फैलाने का संकेत देते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राहुल गांधी के बयान जानबूझकर नफरत फैलाने के इरादे से दिए गए थे, जो अपराध की श्रेणी में आते हैं. सरकार ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी के कार्य समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाने के इरादे से किए गए थे.

सरकार ने यह भी दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश न्यायोचित और वैध है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हालांकि, राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान के मामले में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लखनऊ की निचली अदालत के समन और चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है. उनकी दलील है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है. यह विवाद 2022 में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान महाराष्ट्र में दिए गए एक बयान से जुड़ा है. राहुल गांधी ने वीर सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' बताया था और दावा किया था कि सावरकर 'अंग्रेजों से पेंशन लेते थे.' यह भी पढ़ें : सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री कार्यकाल पर सवाल बरकरार, डी. के. शिवकुमार के साथ दिल्ली रवाना हुए

इस बयान पर आपत्ति जताते हुए वकील नृपेंद्र पांडे ने लखनऊ की निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. अदालत ने प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153(ए) और 505 के तहत मामला दर्ज कर राहुल गांधी को समन जारी किया था. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन उनके बयान को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर राहुल गांधी भविष्य में इस तरह के अपमानजनक बयान देंगे, तो वह स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा.