सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में नहीं होंगे शामिल, लॉकडाउन के पालन के चलते लिया बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: IANS)

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के पिता आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht) का आज निधन हो गया. 89 साल के आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था और उनकी हालत गंभीर थी. वह पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे और उन्होंने सोमवार सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर अंतिम सांस ली. इस बीच एक बड़ी खबर यह आ रही है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नही होंगे. कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए उत्तराखंड अपने पैतृक गांव पौड़ी नहीं जाएंगे. वे दिल्ली एम्स जाकर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने के बाद लखनऊ लौट आएंगे.

इस बाबत सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने परिवार को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, अंतिम समय में पिता के दर्शनों की हार्दिक इच्छा थी लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं ऐसा नहीं कर सका. यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का हुआ निधन, दिल्ली के AIIMS अस्पताल में ली आखिरी सांस.

यहां देखें सीएम योगी आदित्यनाथ का पत्र-

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार से अपील की लॉकडाऊन का पालन में कम से कम अंतिम संस्कार में लोग शामिल हो. उन्होंने पत्र में आगे लिखा मैं लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके दर्शनार्थ के लिए आऊंगा.

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ को जब उनके पिता के निधन की सूचना दी गई तब वे कोरोना संकट को लेकर मीटिंग कर रहे थे. खबर मिलने के बाद भी मीटिंग को रोका नहीं गया. सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट को किडनी और लिवर की समस्या थी. तबीयत खराब होने पर उन्हें 13 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था. यहां गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम उनका इलाज कर रही थी. आज दोपहर 10 बजकर 44 मिनट पर उनका निधन हो गया.

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते हैं. वे उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हो गए थे. उसके बाद से ही वे अपने गांव में रह रहे थे. योगी आदित्यनाथ बचपन में ही अपना परिवार छोड़कर गोरखपुर महंत अवेद्यनाथ के पास चले आए थे.