ईटानगर, 27 जनवरी : अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए किशोर मिराम तारोन को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सेना को सौंप दिया है. यह जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दी है. उन्होंने एक ट्वीट कर बताया है कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के किशोर मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया है और अब मेडिकल जांच सहित उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. युवक के लापता होने के नौ दिन बाद उसे भारतीय सेना को सौंपा गया है. रिजिजू, जिन्होंने 18 जनवरी को किशोर के लापता होने के बाद से उसकी रिहाई की प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की थी, ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है. किरण रिजिजू ने ट्वीट किया कि चीनी सेना पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के युवक मिराम तरोन को भारतीय सेना को वापस सौंप दिया है. मेडिकल जांच सहित उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.
अपर सियांग जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि वे सेना, पुलिस, स्वास्थ्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर युवक को उसके परिवार को सौंपने से पहले औपचारिकताओं का पालन करेंगे. अपर सियांग जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, युवक को उनके परिवार को सौंपने से पहले हमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. अपर सियांग जिले के जिदो गांव के निवासी, 19 साल के युवक का पीएलए द्वारा 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के बिशिंग इलाके के शियुंग ला से कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. इससे पहले भारतीय सेना ने हॉटलाइन के जरिए चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संपर्क किया था और अरुणाचल प्रदेश में अपहृत किशोर की वापसी की मांग की थी.
एक रक्षा पीआरओ ने ट्वीट करते हुए कहा था, अरुणाचल प्रदेश के जोदो के 17 वर्षीय मिराम तरोन को कथित तौर पर एलएसी के पार पीएलए ने पकड़ लिया है. सूचना मिलने पर, भारतीय सेना ने तुरंत एक हॉटलाइन के माध्यम से पीएलए से संपर्क किया. प्रोटोकॉल के तहत उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से मदद मांगी गई है. रिजिजू ने मंगलवार को लोगों से अपील की थी कि वे अरुणाचल प्रदेश के लापता किशोर के बारे में सावधानी से बयान दें. मंत्री ने एक बयान में कहा, हम पहले दिन से लगातार मामले पर नजर रख रहे हैं. मैं सभी से ऐसे बयान देने में सतर्क रहने की अपील करता हूं जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के युवाओं की सुरक्षा और सुरक्षित वापसी हमारी प्राथमिकता है. यह भी पढ़ें : UP Elections 2022: कांग्रेस को लगेगा एक और बड़ा झटका? राज बब्बर के सपा में शामिल होने की अटकलें तेज
रिजिजू ने बुधवार को ट्वीट किया था, भारतीय सेना द्वारा चीनी पीएलए के साथ गणतंत्र दिवस पर हॉटलाइन पर बात की गई. पीएलए ने हमारे नागरिक को सौंपने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और रिहाई की जगह का सुझाव दिया है. वे जल्द ही तारीख और समय की सूचना देंगे. देरी के लिए उनकी ओर से खराब मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया है. अरुणाचल प्रदेश सरकार ने भी किशोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की थी. चीनी सेना ने कथित तौर पर किशोर का भारतीय क्षेत्र से अपहरण कर लिया था, जहां चीन ने 2018 में 3-4 किमी सड़क का निर्माण किया था. भागने में सफल रहे किशोर के दोस्त ने अधिकारियों को मामले की सूचना दी थी और अरुणाचल पूर्व संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद तापिर गाओ के संज्ञान में लाया. गाओ ने पिछले हफ्ते इस घटना के बारे में ट्वीट किया था. सितंबर 2020 में, चीनी पीएलए ने कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था. इस क्षेत्र के ग्रामीणों को उचित सड़कों की कमी के कारण दूरदराज के पहाड़ी इलाकों से गुजरना पड़ता है. अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा साझा करता है.