मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉन्च किया छत्तीसगढ़ शासन का वर्ष 2022 का कैलेंडर, जानें खासियत
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Photo Credits: Twitter)

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने अपने निवास कार्यालय में ‘‘न्याय व स्वावलंबन का छत्तीसगढ़ मॉडल’’ थीम पर केन्द्रित छत्तीसगढ़ शासन के वर्ष 2022 के वार्षिक कैलेंडर गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ वर्ष 2022 का विमोचन किया. वर्ष 2022 का कैलेण्डर राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर केन्द्रित है. जिसमें आकर्षक फोटोग्राफ्स के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया है. जनसम्पर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा और संयुक्त सचिव जनसम्पर्क श्री उमेश मिश्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे. स्वाभिमान और गर्व के लिए आज खूब दौड़ा छत्तीसगढ़, सीएम भूपेश बघेल ने झंडी दिखाकर किया शुभारंभ

कैलेण्डर में माह जनवरी के पन्ने पर धान के कटोरे छत्तीसगढ़ के किसानों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर साल समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान की खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से विभिन्न फसलों को दी जा रही आर्थिक मदद से खुशहाल किसान का चित्र प्रदर्शित किया गया है. फरवरी माह में छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत रागी फसल को दर्शाया गया है. राज्य शासन द्वारा इस मिशन के तहत मिलेट फसलों को बढ़ावा देने के साथ उनके प्रसंस्करण और विपणन की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. मार्च माह में सुराजी गांव और गोधन न्याय योजना, गौठानों के मल्टीयूटिलिटी सेंटर, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करती महिलाएं चित्र में दर्शायी गई हैं. राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा गांवों के समग्र आर्थिक विकास पर जोर दिया जा रहा है. अप्रैल माह में लाख की खेती का चित्र दर्शाया गया है. राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर वनोपजों की खरीदी और प्रसंस्करण, लाख व मछलीपालन को कृषि का दर्जा देकर वनवासियों को सशक्त करने की पहल की गई है. प्रदेश में 7 से बढ़ाकर 52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रसंस्करण और विपणन से लाखों लोगों को रोजगार देने की व्यवस्था की गई है.

मई माह में जशपुर का चाय बागान दर्शाया गया है. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अंचलों में जहां परंपरागत खेती नहीं होती है, वहां वैकल्पिक नगद फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. बस्तर में कॉफी और जशपुर में चाय के बागान तैयार किए गए हैं. इसी प्रकार जून माह का पन्ना स्वच्छता दीदियों को समर्पित है. छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरे वर्ष देश के सबसे स्वच्छ राज्य का खिताब मिला है. स्वच्छता में प्रदेशवासियों की भागीदारी सहित स्वच्छता दीदियों और सफाई कर्मियों का इस उपलब्धि में बड़ा योगदान है. जुलाई माह में गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा से जोड़कर न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम शाला को दर्शाया गया है.

इसी प्रकार अगस्त माह में आदिवासी अंचलों, दूरस्थ गांवों और स्लम बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लिनिक योजना को प्रदर्शित किया गया है. सितम्बर माह का पन्ना अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिलाने के राज्य सरकार के प्रयासों को समर्पित है. इस पन्ने पर पुलिस में भर्ती तृतीय लिंग युवाओं का चित्र प्रदर्शित किया गया है. राज्य सरकार द्वारा न्याय की नई परिभाषा गढ़ते हुए तृतीय लिंग युवाओं की पुलिस में भर्ती की गई है. इसके साथ प्रदेश में विभिन्न विभागों, ग्रामीण तथा वन क्षेत्रों में अनेक योजनाओं के माध्यम से लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिलाने की पहल की गई है. अक्टूबर माह युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के प्रयासों पर केन्द्रित है, जिमसें दंतेवाड़ा की डेनेक्स फैक्ट्री को दर्शाया गया है. राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग से लेकर ई-वर्ग पंजीयन से अधोसंरचना निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने से युवा उद्यमिता को नये पंख लगे हैं.

नवम्बर माह वन अधिकार अधिमान्यता पत्र से आबंटित भूमि को उपजाऊ बनाने, विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से फूलों, फलों, सुगन्धित तथा पौष्टिक उपजों की खेती को बढ़ावा और विपणन के इंतजाम से स्थानीय युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना पर केन्द्रित है. नवम्बर माह में पपीते की खेती को दर्शाया गया है. माह दिसम्बर महिला स्व-सहायता समूहों की आर्थिक गतिविधियों के जरिए नारी सशक्तिकरण पर केन्द्रित है. माह दिसम्बर के पन्ने में मां बम्लेश्वरी महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति सण्डी की खुशहाल महिलाओं का चित्र प्रदर्शित किया गया है. महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए श्वेत क्रांति की दस्तक से गांव-गांव में समृद्धि और खुशहाली का नया दौर शुरू हुआ है. महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज माफी और अधिक ऋण प्रदान करने के राज्य शासन के फैसले से प्रदेश में नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है.