घाटी में शांति है तो 3 कश्मीरी नेताओं को हिरासत में रहने दीजिये- अफसरों से बोले केंद्रीय मंत्री
भारतीय सेना (Photo Credits: IANS/File)

श्रीनगर: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने शुक्रवार को अधिकारियों से कहा कि यदि उनका मानना है कि तीन कश्मीरी नेताओं की हिरासत से घाटी में शांति बरकरार रखने में मदद मिली है तो तीनों को ‘‘भीतर ही रहने’’ दीजिए. सिंह यहां दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. यह सम्मेलन क्षेत्र में सुशासन प्रथाओं के क्रियान्वयन पर केंद्रित है.

सिंह ने कहा, ‘‘अब आप कह रहे हैं कि वो तीन आदमी अंदर थे, इसलिए ठीक है. इसका मतलब है कि उनके अंदर रहने से ठीक है, तो उनको अंदर ही रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप (अधिकारी) परोक्ष तौर पर (कदम का) समर्थन कर रहे हैं.’’सिंह ने यद्यपि हिरासत में रहने वाले किसी नेता का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि सुशासन और क्षेत्र में विकास तथा युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास के तहत सरकार को जम्मू कश्मीर पर विमर्श में बदलाव लाना होगा. यह भी पढ़े: कश्मीर: EU सांसदों का भी पाक को झटका, कहा-370 भारत का आतंरिक मसला, घाटी की अवाम शांति और विकास चाहती हैं

उन्होंने कहा, “लोगों का एक वर्ग ऐसा है जो यह नहीं जानता कि वे किस चीज से वंचित थे. वंचित होना उस सीमा तक पहुंच गया था.”मंत्री ने कहा, “हमारे पास एक नयी व्यवस्था है और नयी व्यवस्था सीधे केंद्र को रिपोर्ट करती है और इस क्षेत्र के लोगों को उसका सहयोग करना है और उसे सफल बनाना है.”उन्होंने कहा, “सबसे अधिक जिम्मेदारी युवाओं की है क्योंकि आबादी में वे 70 फीसद हैं. वे पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तमाम अवसरों से वंचित रहे. युवाओं की अकांक्षाएं हमारे लिये अग्निपरीक्षा है.”

जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित मुख्य धारा के नेताओं को केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने के निर्णय के मद्देनजर ऐहतियातन नजरबंद कर दिया गया था.उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जहां घर में नजरबंद हैं, फारुक अब्दुल्ला को विवादास्पद जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है.

क्षेत्रीय सम्मेलन का विषय ‘‘केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में सुशासन प्रथाओं की पुनरावृत्ति’’ है. इस सम्मेलन में उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे. इसका आयोजन प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा किया गया था.