पटना: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के विशेष राज्य का दर्जा की मांग पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने जबरदस्त निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालना और 'थेथरोलॉजी' मात्र है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार केंद्र में ताकतवर मंत्री थे, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिला पाये? BBC डॉक्यूमेंटी पर बोले आरिफ मोहम्मद खान- दुनिया में भारत का जलवा, इसलिए कुछ लोग हताश हैं
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवाने के लिए आधी रात के बाद राष्ट्रपति को जगा कर उनका हस्तक्षर करवाने का सुपर पावर रखते थे. वे तेजस्वी यादव को बतायें कि विशेष दर्जा दिलाने में क्यों विफल रहे?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 1.40 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के रूप में जो सहायता दी, वह विशेष दर्जा से अधिक लाभकारी है. राज्य सरकार विशेष पैकेज की योजनाएं लागू करने के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा पाई.
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार विशेष राज्य के मुद्दे का राजनीतिकरण कर विभिन्न समितियों की रिपोर्ट को झुठलाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर तत्कालीन वित्त मंत्री चिदम्बरम ने विशेष राज्य के मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया था और रघुराम राजन कमेटी ने भी इस पर विचार किया था. ग्रुप और कमेटी, दोनों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग स्वीकार नहीं की.
मोदी ने कहा कि 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट ने तो विशेष राज्य की अवधारण को ही खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इन तथ्यों की अनदेखी कर नीतीश कुमार का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालने की थेथरोलॉजी-मात्र है.