Baba Siddique Murder: शूटरों ने जंगल में की थी शूटिंग की प्रैक्टिस; मुंबई पुलिस का बड़ा खुलासा
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस के अनुसार, सिद्दीकी की हत्या की योजना बनाने से पहले शूटरों ने कर्जत-खोपोली रोड के जंगल में जाकर शूटिंग का अभ्यास किया था.
मुंबई: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस के अनुसार, सिद्दीकी की हत्या की योजना बनाने से पहले शूटरों ने कर्जत-खोपोली रोड के जंगल में जाकर शूटिंग का अभ्यास किया था. इस प्रैक्टिस के दौरान शूटरों ने पेड़ों पर गोलियां चलाईं, ताकि वे अपने निशाने को बेहतर कर सकें. यह अभ्यास पलासदारी गांव के पास झरने के आसपास के जंगलों में किया गया था.
राजस्थान से लाई गईं पिस्तौलें
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि सिद्दीकी की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौलें राजस्थान से लाई गई थीं. पुलिस अधिकारी के अनुसार, दो आरोपी, राम कनौजिया और भगवत सिंह, राजस्थान गए थे और विदेश निर्मित पिस्तौलें लेकर लौटे थे, जिनका इस्तेमाल शूटरों ने 12 अक्टूबर की रात को बाबा सिद्दीकी की हत्या में किया. पुलिस को शक है कि ये हथियार पाकिस्तान से तस्करी करके भारत में लाए गए हो सकते हैं, जो राजस्थान की सीमा से भारत में पहुंचे थे.
आरोपियों के भ्रामक बयान, जांच में देरी
इस केस में आरोपी लगातार जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहे हैं और बार-बार विरोधाभासी बयान दे रहे हैं. इस वजह से जांच धीमी गति से आगे बढ़ रही है. आरोपियों भगवंत ओमसिंह और रामफूल कनौजिया ने अपराध में इस्तेमाल किए गए तीन विदेशी हथियारों की डिलीवरी के बारे में विरोधाभासी बयान दिए हैं, जिससे जांच और पेचीदा हो गई है. पुलिस अब इन हथियारों के सोर्स का पता लगाने पर ध्यान दे रही है.
आरोपियों की हिरासत बढ़ी, पुलिस के सामने चुनौतियां
मुंबई पुलिस की ओर से की गई जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपियों ने उदयपुर में पहली बार एक-दूसरे से मुलाकात की थी. उनके हैंडलर्स ने केवल उन्हें मिलने की जगह और हथियारों की जानकारी दी थी. तीनों आरोपी वहीं इकट्ठा हुए और उन्हें पिस्तौलें सौंपी गईं.
मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में चार आरोपियों – गुरमई सिंह, धर्मराज कश्यप, हरीश निषाद और प्रवीण लोनकर की हिरासत 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. पुलिस का कहना है कि ये आरोपी भी भ्रामक बयान देकर जांच को बाधित कर रहे हैं. अब पुलिस का मुख्य ध्यान इन हथियारों की तस्करी और हत्या के मास्टरमाइंड का पता लगाने पर है.